DESK : कुछ ही समय में पूरे विश्व में कहर बरपा चुके कोरोना वायरस से दुनियभर में 17 लाख 79 हजार लोग संक्रमित हैं. एक लाख आठ हजार 770 की मौत हो चुकी है. चीन के वुहान से शुरू हुोने वाला कोरोना वायरस की भयावहता का अंदाजा उस वक्त कोई भी नहीं लगा सका था.
अमेरिका में विमानों के फ्लाइट अटेंडेंट्स उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने जनवरी के अंत में सबसे पहले चीन के हुबेई प्रांत से बाहर नए कोरोना वायरस के फैलाव की जानकारी दी थी. टाइम मैग्जीन से बातचीत के दौरान एक दर्जन से अधिक फ्लाइट अटेंडेंट ने कहा कि उन्होंने इसकी जानकारी बहुत पहले ही एयरलाइंस को दी थी, पर एयरलाइंस ने उनकी चिंता पर ध्यान नहीं दिया. वे सभी भी उचित सावधानी उपकरणों के बिना कई सप्ताह तक काम करते रहे. उनका मानना है कि उस दौरान वे लोग भी हजारों प्रभावितों के संपर्क में आए होंगे और निश्चित रुप से कोरोना के संक्रमण भी फैलाया होगा. अटलांटा में कार्यरत एक फ्लाइट अटेंडेंट ने मीडिया को बताया कि हम लोगों ने निश्चित रूप से विमानों की सीट दर सीट, शहर दर शहर, होटल दर होटल और व्यक्तियों के बीच इंफेक्शन फैलाया है. उनका खुद मानना है कि वे कोरोना कैरियर के रुप में महीनों काम करते रहे और लोगों को इंफेक्टेड भी किया.
अमेरिका में 1 लाख 21 हजार हैं फ्लाइट अटेंडेंट
अमेरिका में 1 लाख 21 हजार फ्लाइट अटेंडेंट हैं. वहां की सरकार इन्हें आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर कामगार मानती है. उन्हें जोखिम वाले इलाकों की यात्रा करने के बाद स्वयं को क्वारैंटाइन करने की जरूरत नहीं है. विमानतलों पर यात्रियों की सामान्य जांच होती है, लेकिन उनकी नहीं. इतना ही नहीं एयरलाइंस भी ये जानकारी नहीं देती कि उनके कितने कर्मचारी वायरस से संक्रमित पाए गए हैं. वहीं यूनियन के प्रतिनिधि का कहना है कि सैकड़ों कर्मचारियों ने स्वयं को संक्रमित बताया है.
ग्लव्स या फेस मास्क पहनने पर होती थी कार्रवाई
फ्लाइट अटेंडेंट के अनुसार शुरुआत में एयरलाइनों ने ग्लव्स या फेस मास्क पहनने से रोक रखा था. एयरलाइनों ने ग्लव्स और मास्क पहनने पर कुछ लोगों पर कार्रवाई भी की थी. इतना ही नहीं उनसे विमानों के केबिन की सफाई कराई जाती हैऔर उन्हें डिसइंफेक्टेंट भी नहीं दिए जाते हैं. फ्लाइट अटेंडेंट विमानों में एक-दूसरे से सटी सीटों पर बैठते हैं और वे यात्रियों के टॉयलेट का ही उपयोग करते हैं. ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा बहुत ज्यादा बना रहता है.
अमेरिका में भी कोरोना के कहर को देखते हु एयरलाइंस से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में भारी कमी आई है. इसी बीच एयरलाइंस का कहना है कि हवाई यात्रा सुरक्षित है. अमेरिकन एयरलाइंस और साउथ वेस्ट एयरलाइंस ने सभी उड़ानों में खाने-पीने की सेवा बंद कर दी है. कई एयरलाइंस ने बयान जारी कर कहा है कि फ्लाइट अटेंडेंट को पर्याप्त सुरक्षा साधन मुहैया कराए गए हैं.