पटना में 24 पाकिस्तानी महिलाओं की लिस्ट जारी, तीन ने ली भारतीय नागरिकता 40 साल दरगाह की सेवा के बाद श्यामलाल की घर वापसी, पहलगाम आतंकी हमले से हुआ हृदय परिवर्तन Bihar News: सदर अस्पताल में मिला 25 वर्षीय युवक का शव, प्रेमिका के परिवार वालों पर हत्या का आरोप आतंकवादी हमले के खिलाफ पटना में महागठबंधन का कैंडल मार्च, तेजस्वी यादव-मुकेश सहनी सहित कई नेता रहे मौजूद Road Accident: भारतीय सेना के जवान की सड़क हादसे में मौत, पिता के निधन के बाद छुट्टी पर आए थे घर गोपालगंज में 4 दिन से लापता युवती की लाश बगीचे से बरामद, हत्या के विरोध में परिजनों ने किया सड़क जाम हंगामा CSKvsSRH: 10वें स्थान को लेकर CSK और SRH में रोचक जंग के बीच चेन्नई को मिले भविष्य के 2 सुपरस्टार BIHAR NEWS: विनोद सिंह गुंजियाल बने बिहार के नये मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, 2007 बैच के हैं IAS अधिकारी महागठबंधन में महाघमासान होना तय! RJD से दबने को तैयार नहीं कांग्रेस, को-ओर्डिनेशन कमेटी में दिखा दिया अपना जोर Pahalgam Terror Attack: रूस की अपने नागरिकों को सलाह, “पाकिस्तान की यात्रा न करें”, भारत-पाक के बीच तनाव से पूरी दुनिया अलर्ट
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 15 Jan 2024 07:19:01 AM IST
- फ़ोटो
DESK : उर्दू साहित्य के मशहूर सितारे मुनव्वर राना इस दुनिया में नहीं रहे। लंबी बीमारी के बाद रविवार को उनका निधन हो गया। राना के इंतकाल पर देश भर में शोक की लहर है। लोग उन्हें उनके ही शेरों को कोट करते हुए याद कर रहे हैं। मां पर लिखी अपनी शानदार शायरी के अलावा मुनव्वर राना ने जिंदगी और मृत्यु को लेकर ढेर सारे शेर लिखे थे।
दरअसल, मुनव्वर राणा लंबे समय से बीमार थे। उन्हें गले का कैंसर था। उनकी बेटी सोमैया ने बताया कि राणा को सोमवार को उनकी वसीयत के मुताबिक लखनऊ में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। राणा के परिवार में उनकी पत्नी, पांच बेटियां और एक बेटा है। राना के बेटे तबरेज राणा ने बताया, ‘‘बीमारी के कारण वह कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें पहले लखनऊ के मेदांता और फिर एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने रविवार रात करीब 11 बजे अंतिम सांस ली।
मालूम हो कि, मुनव्वर राणा का जन्म 26 नवंबर, 1952 को उत्तर प्रदेश के रायबरेली में हुआ था। उन्हें उर्दू साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है। 2014 में कविता 'शहदाबा' के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनकी शायरी बेहद सरल शब्दों पर आधारित हुआ करती थी, जिसने उन्हें आम लोगों के बीच लोकप्रिय बनाया।
उधर, मुनव्वर राणा के निधन पर कई नामचीन हस्तियों ने शोक जताया है. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर दुख व्यक्त किया है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक शेर कोट करते हुए लिखा है- तो अब इस गांव से रिश्ता हमारा खत्म होता है, फिर आंखें खोल ली जाएं कि सपना खत्म होता है।