PATNA : लोकसभा चुनाव को लेकर तारीखों का एलान हो गया है। ऐसे में वाम दल को इस चुनाव से पहले बड़ी राहत मिली है। चिलमरवा हत्याकांड में माले के दो विधायक सहित आठ आरोपितों को सुनवाई के बाद साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया। तृतीय अपर जिला व सत्र न्यायाधीश सह एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायधीश नरेन्द्र कुमार की अदालत ने यह फैसला सुनाया है।
इसके पहले न्यायालय ने इस कांड की सुनवाई करने के बाद फैसले की तिथि 30 मार्च निर्धारित की थी। इस कांड में भाकपा माले के दरौली विधायक सत्यदेव राम, जीरादेई के विधायक अमरजीत कुशवाहा समेत अन्य को आरोपित किया गया था। जिसके बाद इस मामले में अदालत में अपना अंतिम निर्णय सुनाया। यह मामला 11 साल से चला आ रहा था। इसके बाद अब इस मामले में कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में माले विधायक को बरी कर दिया है।
जानकारी हो कि, 6 जुलाई 2013 को चिलमरवा हत्याकांड हुआ था। इसमें बलौर गांव के राजनारायण सिंह उर्फ राजू सिंह व सोहगरा निवासी मुकेश सिंह की गोली लगने से मौत हो गई थी। जबकि, विशवार गांव के घनश्याम मिश्रा जख्मी हो गए थे। इसमें बेलौर गांव निवासी व मृतक राजू सिंह के पिता अमर सिंह ने एफआईआर दर्ज कराई थी। दरौली विधानसभा के विधायक सत्यदेव राम, जीरोदेई के माले विधायक अमरजीत कुशवाहा, विश्राम मांझी, लोरिक राम, दिनेश राम, उदय भान राम, रामकिशुन राम उर्फ बेंगा व छोटे लाल शर्मा समेत अन्य को आरोपित किया गया था।
अब गुठनी थाना क्षेत्र के चिलमरावा गांव में 06 जुलाई 2013 को हुए दोहरे हत्याकांड में तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह एमपी- एमएलए कोर्ट के जज नरेन्द्र कुमार की अदालत में फैसला सुनाया गया। बहुचर्चित हत्याकांड मामले में आरोपित दो माले विधायक सहित आठ आरोपितों पर फैसला को सुनने के लिए सुबह से ही कोर्ट परिसर के बाहर कार्यकर्ताओं की गहमा गहमी रही। दूसरे पक्ष के लोग भी फैसले को लेकर कोर्ट परिसर पहुंचे थे।