PATNA: आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद अपने गृह जिला गोपालगंज पहुंचे हैं। इस दौरान लालू के साथ पूरा सरकारी अमला भी मौजू है। स्थानीय अधिकारी लालू के आवोभगत में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं। इस दौरान गोपालगंज से लेकर फुलवरिया गांव तक लालू की सुरक्षा में पुलिस के अधिकारी खड़े नजर आए। इसी बीच सामने आई एक तस्वीर ने बिहार में सियासी बवाल मचा दिया है।
दरअसल, गोपालगंज से लेकर लालू के पैतृक गांव फुलवरिया तक पुलिस और प्रशासन के अधिकारी लालू की सेवादारी में लगे हुए हैं। इसी दौरान थावे मंदिर से आई तस्वीर ने सियासत को हवा दे दी। सुरक्षा में तैनात गोपालगंज के डीएसपी छाता लेकर लालू के साथ घूमते नजर आए हैं। डीएसपी द्वारा लालू को छाता लगाने पर बीजेपी ने बड़ा हमला बोला है। बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा है कि जिस लालू यादव को जेडीयू के लोग पंजीकृत अपराधी कहा करते थे आज वे बिहार के राजा बनकर घूम रहे हैं और लालू के साथ डीएसपी छाता लेकर घूम रहा है।
सम्राट ने कहा कि यही नीतीश कुमार का असली सुशासन है। सम्राट ने कहा कि समय आने दीजिए अभी तो डीएसपी लालू के पीछे छाता लेकर घूम रहा है, आने वाले दिनों में एसपी और कलेक्टर भी लालू के पीछे छाता लेकर घूमेंगे। नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार, कौमनिलिज्म और सुशासन से समझौता कर लिया है। वहीं जातीय गणना को लेकर जेडीयू के आरोपों पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि बीजेपी कल भी जातीय गणना के पक्ष में थी और आज भी जातीय गणना के पक्ष में है, मुख्यमंत्री के निर्णय पर बीजेपी ने भी अपनी सहमति दी थी, बीजेपी के मंत्रियों ने इसका समर्थन किया था।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार दूसरे को जेल भेजने का काम करते रही है, न्यायालय को मैनेज करने का उनका आदत रहा होगा, नीतीश कुमार की सरकार लोगों को फंसाती और जेल भेजती है उसके बाद छुड़ाने का नाटक भी करती है, बीजेपी नाटक करने वाली नही हैं। वहीं बगहा और मोतिहारी में धार्मिक जुलूस पर पथराव के मामले पर सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में तुष्टीकरण के चक्कर में नीतीश कुमार की सरकार में अपराधी घटनाएं हो रही हैं, पत्थर फेंकने वाला कौन है क्यों नहीं उसकी पहचान कर कार्रवाई की जा रही है, नीतीश कुमार जानते हैं पत्थर फेंकने वाला कौन है इसलिए कार्रवाई नहीं हो रही है, नाग पंचमी में कोई जुलूस निकला तो सुरक्षा देने का काम बिहार सरकार का है, तुष्टीकरण के चक्कर में लोगों से पत्थर चलवाया गया।