DESK: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA)ने झारखंड की पूर्व गवर्नर द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी संसदीय बोर्ड की मंगलवार को हुए बैठक में इस पर मुहर लगायी गयी। द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने खुशी जाहिर करते हुए उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी। शाहनवाज ने कहा कि जो देश की आजादी के इतने सालों में ना हुआ वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर दिखाया है। आजादी के 75वें वर्षगांठ पर देश इतिहास रचने जा रहा है। पहली बार देश के सर्वोच्च पद पर विराजमान होंगी आदिवासी महिला। देश के आगामी राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू की ताजपोशी ऐतिहासिक और सदियों के लिए एक मिसाल होगी।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि उड़ीसा में साधारण परिवार में जन्मी द्रौपदी मुर्मू जी की जीवन यात्रा उड़ीसा सरकार में एक क्लर्क से लेकर पड़ोसी राज्य झारखंड की राज्यपाल बनने तक अभूतपूर्व रही है। वो दो बार विधायक चुनी गई। झारखंड के राज्यपाल के रूप में देश की पहली आदिवासी महिला राज्यपाल थीं और अब देश के राष्ट्रपति के रूप में वो पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी। इस रिकॉर्ड के अलावा द्रौपदी मुर्मू के नाम देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति बनने का भी रिकॉर्ड हो जाएगा।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि देश के राष्ट्रपति के लिए द्रौपदी मुर्मू को NDA का प्रत्याशी बनाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभूतपूर्व काम किया है। उन्होंने कहा कि द्रौपदी मुर्मू का चयन आदिवासी समाज, महिला शक्ति और हाशिए पर जीवन जी रहे देश के बहुत बड़े तबके को संबल देगा और राष्ट्र निर्माण में उनकी भागीदारी अप्रत्याशित रूप से बढ़ेगी।
सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू को देश के राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए का उम्मीदवार बनाए जाने से पूरे देश में तो खुशी है ही लेकिन बिहार, झारखंड और उड़ीसा के लिए यह विशेष गौरव का पल है। उन्होंने कहा कि इन राज्यों से द्रौपदी मुर्मू जी का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष जुड़ाव रहा है और इसीलिए यहां के लोग उत्साहित हैं और इसे सौभाग्य मान रहे हैं। लेकिन देश के सर्वोच्च पद पर उनका विराजमान होना पूरे देश के लिए प्रेरणा स्त्रोत होगा।
सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल में हमेशा समाज में हाशिए पर खड़े लोगों के उत्थान की चिंता रहती है। देश के राष्ट्रपति के रुप में आदिवासी समाज से आने वाली द्रोपदी मुर्मू की ताजपोशी देश के तमाम उपेक्षित वर्ग को प्रेरित करेगी और उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने के लिए बड़े प्रोत्साहन का कारण बनेगी।