DESK : देश में बैंकिंग सेक्टर में लगातार बदलाव किए जा रहे हैं. इसी के तहत अब एक नया प्रयोग किया गया है, जिसके तहत अब आपको बिन अ बैंक गए हुए पैसे घर पर ही मिल जाएंगे. इस सुविधा को 'डोरस्टेप बैंकिंग सेवा' का नाम दिया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कल देश के सरकारी बैंकों में 'डोरस्टेप बैंकिंग सेवा' को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये लांच किया. बैंकिंग सचिव देबाशीष पांडा और एसबीआई चेयरमैन रजनीश कुमार भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस कार्यक्रम में मौजूद थे
इस सुबिधा के माध्यम से सरकारी बैंकों द्वारा बैंकिंग सेवा को ग्राहकों के घर तक पहुंचाया गया है. देश में फ़िलहाल 100 सेंटर्स पर तैनात किए गए डोरस्टेप बैंकिंग एजेंट के जरिये ये बैंकिंग सेवा उपलब्ध कराइ गई है जिसका भविष्य में विस्तार किया जाएगा. इस तरह की सुविधा प्राइवेट बैंकों में पहले से दी जा रही है.
अक्टूबर 2020 से नॉन फाइनांशियल सर्विसेज मसलन चेक/डिमांड ड्राफ्ट/ पे आर्ड, नया चेक बुक का रिक्विजिशन स्लिप , आईटी/ जीएसटी चालान, 15G / 15H फॉर्म का पिकअप, एकाउंट स्टेटमेंट के लिए रिक्वेस्ट जैसी सुविधा उपलब्ध होगी. इसके अलावा नॉन पर्सनलाइज्ड चेक बुक, डिमांड ड्राफ्ट, पे आर्डर, टर्म डिपाजिट रिसीट, टीडीएस, फॉर्म 16 सर्टिफिकेट और प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट और गिफ्ट कार्ड की डिलीवरी भी की जाएगी.
इस सेवा से दिव्यांग और सीनियर सिटीजन को बहुत फायदा होगा. डोरस्टेप बैंकिंग सेवा के लिए ग्राहकों को मामूली फीस चुकाना होगा. आरबीआई ने कई वर्ष पहले doorstep बैंकिंग सेवा का सुझाव दिया था. लेकिन अब जाकर सभी सरकारी बैंकों ने इस सेवा को प्रदान करने के लिए कॉमन सर्विस प्रोवाइडर चुना है.