SUPAUL: सुपौल की रहने वाली 13 वर्षीया नाबालिग लड़की ने त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. इंद्रदेव यादव पर संगीन आरोप लगाया था। इस बात की शिकायत सुपौल डीएम से की थी। मामला सामने आने के बाद इसकी जांच के लिए टीम पहुंची थी। दोनों पक्षों से बात करने की कोशिश की गयी। इस दौरान एक पक्ष से तो मुलाकात हुई लेकिन पीड़ित पक्ष के किसी भी सदस्य से बातचीत नहीं हो पाई। जांच टीम को ना तो लड़की का पता चला और ना ही परिजनों के बारे में ही जानकारी मिल पाई। जिसके बाद जांच टीम खाली हाथ लौट गई। जांच टीम ने इस मामले को मैनिपुलेटेड बताया।
सुपौल के त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. इंद्रदेव यादव पर 13 वर्षीय नाबालिग पीड़िता ने छेड़खानी और अश्लील हरकत करने का आरोप लगाया था और सुपौल के जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई थी। मामले की जांच के लिए सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की दो सदस्यीय टीम त्रिवेणीगंज पहुंची। जिसमें डॉ.अजय कुमार, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी और जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ.ममता कुमारी शामिल थे।
जांच टीम सबसे पहले अनुमंडलीय अस्पताल त्रिवेणीगंज पहुंची जहां आरोपी प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. इन्द्रदेव यादव से पूछताछ की और उनका बयान दर्ज कराया। वही जरूरी रजिस्टर को भी खंगाला। जिसके बाद जांच टीम पीड़िता और उसके परिजनों से मिलने त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के लतौना कशहा गांव पहुंची और पीड़िता की काफी खोजबीन की लेकिन जांच टीम की ना तो पीड़िता से मुलाकात हो पाई और न ही उसके पिता के बारे में किसी ने बताया।
मौके पर जांच टीम का नेतृत्व कर रहे स्वास्थ्य विभाग सुपौल के जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ.अजय कुमार ने कहा कि आज जांच में आए थे एक लड़की द्वारा आवेदन दिया गया था कि उसके साथ डॉक्टर ने छेड़खानी की है। लड़की ने जिस डॉक्टर पर आरोप लगाया वो त्रिवेणीगंज अस्पताल के प्रभारी हैं लेकिन जांच टीम को खोजबीन में पता चला कि इस लड़की और इसके पिता के नाम का कोई भी कशहा गांव में नहीं है। ऐसे में कही ना कही मैनिपुलेटड करके डॉक्टर इंद्रदेव यादव पर संगीन आरोप लगाया गया है।
अब तक एक पक्ष से जांच हुई है दूसरे पक्ष से मुलाकात नहीं हो पा रही है। इस गांव के सरपंच ने बताया कि लड़की और उसके पिता के नाम का कोई भी इस गांव में नहीं है। लड़की और उसके पिता के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलने से दूसरे पक्ष का बयान दर्ज नहीं किया गया। पीड़िता ने जो आवेदन सुपौल डीएम को दिया है उसमें न तो उसका मोबाइल नंबर है और न ही कोई अन्य पहचान। अस्पताल में रजिस्टर को भी देखा गया है जिस डॉक्टर पर आरोप लगाया गया है उनका भी बयान लिया गया है लेकिन पीड़िता के सामने नहीं आने से मामला एक पक्षीय हो गया है। जांच टीम को पीड़ित पक्ष के लोगों से मुलाकात नहीं हुई जिसके बाद वो लौट गये हैं। जांच टीम ने इस मामले को मैनिपुलेटेड बताया है।
गौरतलब है कि पीड़िता ने सुपौल डीएम से लिखित शिकायत की थी। त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. इंद्रदेव यादव पर गंभीर आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की थी। पीड़िता ने बताया था कि मामला 15 सितंबर 2023 को जब उसके पेट में अचानक दर्द होने लगा तब वो इलाज के लिए त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल गयी थी जहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर इंद्रदेव यादव ने चेकअप के लिए बेड पर लिटाया और छेड़छाड़ करने लगा।
पीड़िता ने बताया था कि डॉक्टर उसके साथ गलत हरकत करने लगा जिसके बाद वो वहां से किसी तरह भागी। पीड़िता ने अपने लिखित आवेदन में अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. इंद्रदेव यादव पर कई संगीन आरोप लगा सुपौल डीएम से उचित कार्रवाई किये जाने की अपील की थी। पीड़िता की शिकायत के बाद आज जांच टीम मामले की जांच के लिए पहुंची थी लेकिन ना तो पीड़िता मिली और ना ही उसके परिजन जबकि जिस डॉक्टर पर आरोप लगाया गया था जांच टीम ने उनसे मुलाकात की और उनका पक्ष जाना।