नीतीश कुमार को बड़ा झटका, जेडीयू के पूर्व विधायक मास्टर मुजाहिद आलम ने दिया इस्तीफा Namami Gange Yojana: बिहार के इस जिले को केंद्र सरकार की सौगात, नमामी गंगे और अटल मिशन के तहत मिलेगा साढ़े पांच सौ करोड़ का विकास पैकेज Parenting Tips: पढ़ाई के दौरान क्यों आती है बच्चों को नींद? ये काम करें; दूर हो जाएगी परेशानी Bihar politics: बहुमत है, पर नैतिकता नहीं', बीजेपी पर बरसे मनोज झा, वक्फ कानून की वापसी की उठाई मांग! Life Style: हार्ट अटैक से पहले आपका शरीर देता है कई संकेत, अगर यह परेशानी है तो तुरंत टेस्ट कराएं सजना-संवरना बन गया बड़ी मुसीबत: पत्नी ने कराया फेसियल, तो पति ने ससुराल में ही कर दिया बड़ा कांड CBI Raid in Patna: पटना में CBI का बड़ा एक्शन, छापेमारी कर शातिर को दबोचा; जानिए.. क्या है मामला? CBI Raid in Patna: पटना में CBI का बड़ा एक्शन, छापेमारी कर शातिर को दबोचा; जानिए.. क्या है मामला? Bihar Politics: तेजस्वी यादव का कलेजा क्यों फट रहा..? बिहार BJP ने किया खुलासा Vande metro train Bihar: बिहार को मिलेगी पहली वंदे मेट्रो, पटना से इस रूट पर दौड़ेगी नमो भारत ट्रेन...PM मोदी 24 अप्रैल को दिखाएंगे हरी झंडी!
DESK: पूरे देश में आज धनतेरस का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है और 31 अक्टूबर को दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा लेकिन इससे पहले बुधवार को छोटी दिवाली धूमधाम के साथ मनाई जाएगी हालांकि 31 अक्टूबर को भी चतुर्दशी है। छोटी दिवाली मनाने के पिछे कई पौराणिक मान्यताएं हैं।
छोटी दिवाली के दिन हर किसी को अपने घर के बाहर चौमुखी दीप जलाना चाहिए। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने पाप के प्रतीक नरकासुर का संहार किया था। जिसके कारण छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन नदी में स्नान करने की भी प्राचीन परंपरा है।
पौराणिक कहानियों के अनुसार, रति देव नाम के एक राजा हुआ करते थे। रति देव ने अपने पूरे जीवन में कोई भी पाप कर्म नहीं किया था। अंत समय में जब यमदूत उन्हें अपने साथ नरक ले जाने के लिए आए तो रति देव ने कहा कि उन्होंने तो आज तक कोई पाप नही किया है, क्या फिर भी उन्हें नरक जाना होगा। यह सुनकर यमदूतों ने जवाब दिया।
यमदूतों ने बताया कि उनके दरवाजे से एक ब्राह्ण भूखा लौट गया था, यह उसी पाप का फल है। जिसके बाद राजा ने अपने पाप का प्रायश्चित करने के लिए एक वर्ष का समय यमदूतों से मांगा। यमदूतों ने राजा को एक साल का समय दे दिया। राजा ने ऋषियों को पूरी बात बताई और मुक्ति के उपाय पूछे। तब ऋषियों ने राजा को कहा कि वह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी का व्रत करें और ब्राह्मणों को भोजन कराएं।