DESK: पूरे देश में आज धनतेरस का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है और 31 अक्टूबर को दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा लेकिन इससे पहले बुधवार को छोटी दिवाली धूमधाम के साथ मनाई जाएगी हालांकि 31 अक्टूबर को भी चतुर्दशी है। छोटी दिवाली मनाने के पिछे कई पौराणिक मान्यताएं हैं।
छोटी दिवाली के दिन हर किसी को अपने घर के बाहर चौमुखी दीप जलाना चाहिए। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने पाप के प्रतीक नरकासुर का संहार किया था। जिसके कारण छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन नदी में स्नान करने की भी प्राचीन परंपरा है।
पौराणिक कहानियों के अनुसार, रति देव नाम के एक राजा हुआ करते थे। रति देव ने अपने पूरे जीवन में कोई भी पाप कर्म नहीं किया था। अंत समय में जब यमदूत उन्हें अपने साथ नरक ले जाने के लिए आए तो रति देव ने कहा कि उन्होंने तो आज तक कोई पाप नही किया है, क्या फिर भी उन्हें नरक जाना होगा। यह सुनकर यमदूतों ने जवाब दिया।
यमदूतों ने बताया कि उनके दरवाजे से एक ब्राह्ण भूखा लौट गया था, यह उसी पाप का फल है। जिसके बाद राजा ने अपने पाप का प्रायश्चित करने के लिए एक वर्ष का समय यमदूतों से मांगा। यमदूतों ने राजा को एक साल का समय दे दिया। राजा ने ऋषियों को पूरी बात बताई और मुक्ति के उपाय पूछे। तब ऋषियों ने राजा को कहा कि वह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी का व्रत करें और ब्राह्मणों को भोजन कराएं।