PATNA: बिहार के लाखों मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हैं. इसको लेकर बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने केंद्र से विशेष ट्रेन चलाने की मांग की थी. लेकिन इसमें बाजी झारखंड सरकार ने मार ली. झारखंड के फंसे लोगों को लाकर हेमंत ने दिखा दिया कि अगर लाने की इच्छा हो तो सिर्फ पब्लिसिटी से काम नहीं चलेगा.
सुशील मोदी करते रह गए अपील
गुरुवार को बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने केंद्र सरकार से गुजारिश की थी कि बिहार के बाहर फंसे लोगों को लाने के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने की अनुमति दी जाए. जिससे फंसे लोगों को लाया जा सके. लेकिन यह सिर्फ पब्लिसिटी के लिए था. शाम को सरकार ने साफ कर दिया कि वह मजदूरों को बिहार लेकर नहीं आएगी. अगर दूसरे राज्य फंसे मजदूरों को बिहार के बॉर्डर तक भेजते हैं तो उनको बॉर्डर से घर पहुंचाने की सिर्फ व्यवस्था की जाएगी.
हेमंत ने की थी मांग, तेलंगाना ने भी दिया साथ
झारखंड के फंसे मजदूरों को लाने के लिए झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने रेल मंत्री पीयूष गोयल से स्पेशल ट्रेन चलाने की मांग की थी. इसको लेकर तेलंगाना के सीएम भी आगे आए और तेलंगाना के लिंगमपेल्ली में फंसे 1200 मजदूरों को ट्रेन से झारखंड के लिए रवाना हो गया. इस ट्रेन को लेकर गृह मंत्रालय की ओर से विशेष अनुमति मिली है. आज रात 11 बजे ट्रेन हटिया स्टेशन पहुंचेगी. बताया जा रहा है कि इस ट्रेन में 1200 मजदूर सवार है.
नियमों का हुआ पालन
इस ट्रेन को लेकर रेल मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि झारखंड सरकार की अपील पर इसे चलाया गया है. जिसमें सभी तरह के नियमों का पालन किया गया है. ये सिर्फ इकलौती ट्रेन थी., जिसे चलाया गया है. आगे दूसरी ट्रेन चलेगी की नहीं यह भी तय नहीं है. बता दें कि झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने रेल मंत्री से झारखंड के मजदूरों को लाने के लिए विशेष ट्रेन चलाने की अनुमति मांगी थी.