PATNA : विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद जनता दल यूनाइटेड लगातार यह समझने का प्रयास कर रहा है कि आखिर उसकी सीटें पहले से ज्यादा कम क्यों हो गयी। जेडीयू को विधानसभा चुनाव में केवल 43 सीटों पर जीत हासिल हुई जो 2015 के मुकाबले कम हैं। पार्टी को कुल 72 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। अब जेडीयू इसी डिफिट फैक्टर को समझने के लिए काम कर रहा है।
मुख्यमंत्री और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने प्रदेश इकाई को हार का कारण समझने और इसकी समीक्षा करने का आदेश दिया है। इसके बाद अब पार्टी के सभी क्षेत्रीय प्रभारियों को उन सीटों पर जाने का निर्देश दिया गया है जहां जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवार हार गए। आज यानी 12 दिसंबर से लेकर 22 दिसंबर तक के जेडीयू के सभी क्षेत्रीय प्रभारी अपने अपने प्रभार वाले विधानसभा क्षेत्र में जाएंगे और यहां हार की समीक्षा करेंगे।
क्षेत्रीय प्रभारियों को यह जिम्मा दिया गया है कि वह हार वाली सीटों पार्टी की खस्ताहाल स्थिति क्यों हुई इसकी जानकारी लें। जेडीयू उम्मीदवारों को वोट कम क्यों पड़े इसका कारण समझें। बीते 8 दिसंबर को जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव और संगठन की जिम्मेदारी संभालने वाले सांसद आरसीपी सिंह ने क्षेत्रीय प्रभारियों को यह जिम्मा दिया था। अब क्षेत्रीय प्रभारी कुल 72 विधानसभा सीटों में जमीनी स्तर पर जाकर सांगठनिक और राजनीतिक दोनों तरह के कारणों की पड़ताल करेंगे। इतना ही नहीं क्षेत्रीय प्रभारी बूथवार मिले वोटों का आंकड़ा भी उठाएंगे और कार्यकर्ताओं से चर्चा कर यह समझने की कोशिश करेंगे कि चुनाव में आगे कौन सा फैक्टर हावी रहा। क्षेत्रीय प्रभारियों से मिले फीडबैक के बाद जेडीयू नेतृत्व आगे की रणनीति तय करेगा।