DESK : लोकसभा चुनाव से पहले ममता की सरकार को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने संदेशखाली मामले में बंगाल सरकार की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। हालांकि शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट की ओर से पश्चिम बंगाल पुलिस पर की गई टिप्पणियों को हटाने का आदेश दिया है। इससे पहले कलकत्ता हाई कोर्ट ने संदेशखाली मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। इसी आदेश को ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार की याचिका पर टिप्पणी करते हुए यह सवाल किया कि- संदेशखाली मामले के मुख्य आरोपी शाहजंहा शेख को पुलिस इतने दिनों तक गिरफ्तार क्यों नहीं कर पाई? इसके जवाब में बंगाल सरकार की ओर से पेश वकील ने जवाब दिया कि पुलिस ने मामले में पहले ही सात लोगों की गिरफ्तारी की थी, केवल एक गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी। बंगाल सरकार की इस दलील पर जस्टिस मेहता ने कहा कि राज्य पुलिस को आरोप पत्र दाखिल करने में कितना समय लगता है।
वहीं, ईडी की ओर से पेश वकील एसवी राजू ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मामले के मुख्य आरोपी शाहजहां शेख ने उसके अधिकारियों के खिलाफ एक एफआईआर भी दर्ज कराई है। ईडी ने इस मामले में बंगाल पुलिस पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इस पूरी घटना में पुलिस की भूमिका बहुत खराब रही थी। यहां तक की मुख्य आरोपी को सीबीआई को सौंपने में भी बड़ी हीला-हवाली की गई।
उधर, संदेशखाली में ईडी अधिकारियों की पिटाई की घटना के बाद मामले का मुख्य आरोपी शाहजहां शेख काफी दिनों तक फरार था। करीब 55 दिनों की फरारी काटने के बाद बंगाल पुलिस ने 29 फरवरी को शाहजहां शेख को गिरफ्तार किया। शाहजहां शेख इन 55 दिनों तक कहां रहा किसी को नहीं पता है।