'ढोंगी सनातनी है तेजस्वी ...', नवरात्र में RJD नेता ने खाई मछली तो BJP नेता का फूटा गुस्सा, कहा - सनातन के संतान बनने से पहले अपनाए संस्कार

'ढोंगी सनातनी है तेजस्वी ...', नवरात्र में RJD नेता ने खाई मछली तो BJP नेता का फूटा गुस्सा, कहा - सनातन के संतान बनने से पहले अपनाए संस्कार

PATNA : बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने मंगलवार को अपने सोशल मीडिया हैंडल x पर एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें वह हेलिकॉप्टर में VIP प्रमुख मुकेश सहनी के साथ लंच में चेचरा मछली और रोटी खाते दिखाई दे रहे हैं। तेजस्वी ने मछली खाते हुए यह वीडियो नवरात्र के एक दिन पहले पोस्ट किया था। ऐसे में अब इस वीडियो को लेकर बिहार की सियासत काफी गरम हो गई है। भाजपा के बड़े नेता तेजस्वी यादव को ढोंगी सनातनी बोलने लगे। इतना ही नहीं, भाजपा नेता तेजस्वी को यह भी सलाह दे रहे हैं कि पहले सनातन के संस्कार सीख लें, फिर खुद को सनातन का संतान बताएं। 


दरअसल, नवरात्र के समय में तेजस्वी के मछली खाते हुए वीडियो डालने से सियासी बबाल मचा हुआ है। ऐसे में बिहार के उपमुख्यंत्री विजय कुमार सिन्हा ने तेजस्वी को निशाने पर लिया है। विजय सिन्हा ने कहा कि कुछ लोग सनातन के संतान बनते हैं तो उन्हें सनातन का संस्कार भी अपनाना चाहिए। लेकिन वे अपना नहीं पाते हैं। 


उन्होंने साफ कहा कि खानपान पर मुझे आपत्ति नहीं है। लेकिन पवित्र माह सावन में भी मटन बनाना, खाना और खिलाना। नवरात्र के मौके पर आप मछली खाते वीडियो को शेयर कर क्या दिखाना चाहते हैं? उन्होंने आगे सवाल करते हुए कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति, वोट के लिए इतनी गिरावट! अपने धर्म, समाज, राष्ट्र और अपने संस्कार पर गर्व महसूस होना चाहिए, उसको लज्जित करना कहीं से उचित नहीं है।


वहीं गिरिराज सिंह ने कहा, 'तेजस्वी जी सीजनल सनातनी हैं। तुष्टिकरण के पोषक हैं। जब इनकी सरकार थी तो वोट के खातिर इनके पिताजी ने रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों को अवैध तरीके से बसाया था।काफी संख्या में ऐसे लोग आए थे। ये वोट के सौदागर हैं, न कि सनातनी पुजारी हैं। ये सनातन का लबादा ओढ़कर तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं।


इसके साथ ही जेडीयू प्रवक्ता ने कहा मुकेश सहनी डूबती नाव में सवार हो गए हैं। उन्होंने ही आरोप लगाया था कि एक अतिपिछड़ा के पीठ में ख़ंजर भोंका गया है। मजबूरी और परिस्थितियों के साथ वह राष्ट्रीय जनता दल के साथ हैं। तेजस्वी यादव के साथ जनसभा कर रहे हैं। एक तरफ तुष्टिकरण की नीति, एक तरफ राम मंदिर जाने का दावा। एक तरफ तिरुपति बालाजी की तस्वीर दिखाकर सनातन संस्कृति को मानने का ढोंग और दूसरी तरफ नवरात्र के समय मांस खाना बताता है कि इनकी नीति दोहरी है और जनता ऐसे नेताओं पर भरोसा नहीं करती है।