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1st Bihar Published by: Updated Fri, 21 Oct 2022 12:07:39 PM IST
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PATNA : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को बिहार केसरी श्री कृष्ण सिंह के जन्मदिन के अवसर पर आयोजित राजकीय समारोह में शामिल होने सचिवालय पहुंचे। यहां जब सीएम से फर्जी फ़ोन कॉल मामले में डीजीपी की भूमिका को लेकर सवाल किया गया तो मुख्यमंत्री डीजीपी एसके सिंघल का पक्ष लेते हुए दिखें। सीएम ने कहा कि अब उनके पास समय ही कितना बचा है।
दरअसल, गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार ने अपने ऊपर चल रहे शराब मामले के केस को हटवाने और मुख्यालय के बदले फील्ड में पोस्टिंग के लिए अपने एक ठग दोस्त से बिहार के डीजीपी एसके सिंघल को फोन करवाय। खुद को जज बताकर फोन करने वाले अभिषेक अग्रवाल के इस झांसे में बिहार के डीजीपी भी आ गये। जिसके बाद बिहार के डीजीपी को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। इसी कड़ी में अब जब इस पुरे मामले को लेकर सीएम नीतीश से सवाल किया गया तो उनका जबाब ही सुनते बनता है।
बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से कोई गलत फ़ोन करता रहा और उनको जब इस बात की भनक लगी तो उन्होंने जांच शुरू कर दी गयी और इस जांच के मालूम चल गया कि एक आदमी हर बार गलत काम कर रहा है, जिसके बाद उस पर कार्रवाई हुई। हालांकि, मुख्यमंत्री ने यह स्वीकारा की यदि कोई किसी की बात सुनकर सिर्फ काम कर देता है तो उसमें गलती होती है वैसे भी अभी अक्टूबर का महीना चल रहा है और बिहार के वर्तमान डीजीपी कुछ महीनों में रिटायर होने वाले हैं। वैसे उन्होंने अब तक राज्य के लॉ एंड ऑडर को लेकर बेहतर काम किया है अब ऐसे में एक छोटी सी गलती हो गयी तो इसे मुद्दा नहीं बनाना चाहिए।
गौरतलब हो कि, इसके पहले इस पुरे मामले को लेकर विपक्षी दलों द्वारा डीजीपी पर सवाल उठाए जा रहे है। विपक्षी दलों का कहना है कि इस मामले की जांच सीबीआई या किसी अन्य सक्षम एजेंसी से कराई जानी चाहिए। बिहार सरकार में उपमुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी करीबी रहे नेता सुशील मोदी ने भी यह सवाल किया था कि ई बार फोन पर बातें करने के बावजूद डीजीपी ने सीधे मिल कर हकीकत जानने की कोशिश क्यों नहीं की?