देश के नामी शूटरों से शातिर निकला बिहार का आदमखोर बाघ: शिकार कर आंख के सामने से निकल भागा

देश के नामी शूटरों से शातिर निकला बिहार का आदमखोर बाघ: शिकार कर आंख के सामने से निकल भागा

BAGAHA: बिहार के वाल्मीकिनगर के इलाके में घूम रहा आदमखोर बाघ वन विभाग के शूरमाओं से ज्यादा शातिर निकला. बिहार सरकार के वन विभाग ने इस आदमखोर बाघ को पकडने के लिए देश के नामी शूटर को बुलाया है. लेकिन उनकी आंखों के सामने ही बाघ ने बकरी का शिकार किया औऱ फिर बचकर निकल गया. ये वही बाघ है जिसने अब तक पांच लोगों को मार डाला है। 


बता दें कि इस आदमखोर बाघ को पकडने के लिए बिहार सरकार ने खास शूटरों को बुलाया है. बिहार सरकार ने हैदराबाद से देश के नामी ट्रैकुलाइज एक्सपर्ट और शूटर नवाब शफात अली को खास तौर पर वाल्मिकीनगर बुलवाया है. वहीं बिहार के वन विभाग के निदेशक सुरेंद्र सिंह, वाल्मिकी टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ. नेशामणी के,  डीएफओ प्रदूम्न गौरव, डाक्टर नीरज नारायण, सुनील कुमार शरण के साथ साथ करीब 15 लोगों की एक्सपर्ट टीम पिछले 4 दिनों से वाल्मिकीनगर जंगल में कैंप कर बाघ को पकड़ने की कोशिश कर रही है. लेकिन बाघ ने चकमा दे दिया।


आंखों के सामने से निकला बाघ

वन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार की रात आदमखोर बाघ ने एक्सपर्ट शूटरों के सामने बकरी का शिकार कर लिया और फिर निकल भागा. बाघ को काबू में लेने के लिए वाल्मिकीनगर इलाके के हरिहरपुर में जाल बिछाया गया था लेकिन वह एक्सपर्ट शूटरों के ट्रैकुलाइजर गन (बेहोश करने वाले बंदूक) से बच निकला. बाघ को काबू में लेने के लिए वन विभाग ने बडी तैयारी की थी. लेकिन बाघ इतना शातिर निकला कि वह उस जाल में नहीं फंसा।


दरअसल बाघ को पिंजड़े के भीतर कैद करने की रणनीति तैयार की गयी थी. ऐसे में वन विभाग की टीम ने बाघ के शिकार के लिए पिंजडे के अंदर भैंसा और बकरी को बांध कर रखा था. लेकिन दोनों जब तक पिंजडे में कैद थे तब तक बाघ ने उन्हें छुआ तक नहीं. बुधवार की रात में जब वन विभाग की टीम ने बकरी को पिंजरे के बाहर बांधा तब बाघ वहां पहुंच गया. उसने झपट्टा मार कर बकरी को मार डाला. इसी बीच शूटरों ने उसे ट्रैकुलाइजर गन से निशाना बनाकर बेहोश करने की कोशिश की लेकिन बाध उन्हें चकमा देकर गन्ने के खेत में घुस गया। 


वन विभाग की टीम के मुताबिक बाघ के गन्ने के खेत में घुसने के बाद उसे पकड़ने में लगी टीम के इरादे फेल हो गये. गन्ने के खेत में घुसा बाघ ने फिर वाल्मिकीनगर जंगल के बीच से गुजरने वाली मसान नदी को पार किया और फिर रघिया इलाके में पहुंच गया है. सुबह छह बजे तक बाघ रघिया में ही था लेकिन फिर हरिहरपुर लौट आया. उस पकडने में लगी रेस्क्यू टीम भी बाघ के पीछे-पीछे पहले रघिया गई और फिर वहां से हरिहरपुर लौट आई।


बेबद शातिर है बाघ 

बिहार सरकार के वन संरक्षक और निदेशक डॉक्टर नेशामणी के ने बताया कि आदमखोर बाघ बेहद तेज दिमाग वाला है. वह दो-तीन घंटे में अपना ठिकाना बदल ले रहा है. वन विभाग की टीम ने उसे पकड़ने के लिए पिंजरे में बकरी को रखा लेकिन उसने पिंजरे में रखी बकरी का शिकार नहीं किया. बकरी को जब पिंजरे से बाहर बांधा गया तो उसे मार डाला. इस दौरान वहां वन विभाग की टीम तैनात थी,  शूटरों ने ट्रैकुलाइजर गन से फायरिंग भी की लेकिन वह बच निकला. आदमखोर बाघ बुधवार की देर रात तक चिउटाहा वनक्षेत्र की ओर चहलकदमी कर रहा था. उसके तीन चार घंटे बाद वह मसान नदी को पार कर गुरुवार की अहले सुबह रघिया वनक्षेत्र में नेपाल बार्डर के पास पहुंच गया. उसके बाद वह फिर से चिउटाहा वनक्षेत्र की ओर पहुंचा है. वन विभाग ने चिउटाहा वनक्षेत्र के चारों ओर वनकर्मियों की टीम को तैनात किया है।


बता दें कि आदमखोर बाघ के डर से वाल्मिकीनगर इलाके के कई गावों में दहशत का आलम है. हरनाटाड़ वनक्षेत्र के बैरिया काला गांव, बरवा काला, देवरिया तरूअनवा के साथ साथ चिउटाहा वनक्षेत्र के जिमरी, कटहा गांव, हसनापुर, कदमहवा और हरिहरपुर के लोग दहशत मे जी रहे हैं. बाघ के डर से इन इलाकों के लोग खुले में निकलने से डर रहे हैं. डर के कारण कई जगहों पर तैयार धान की फसल बर्बाद होने की आशंका है. वहीं, गन्ने की फसल भी लगभग तैयार हो चुकी है. उसकी समय पर कटनी नहीं की गयी तो वह खराब हो जायेगा. लोगों का कहना है कि 15 से 20 दिनों में फसल पूरी तरह से पक जाएगी।


इस आदमखोर बाघ ने अब तक तीन लोगों की जान ले ली है, वहीं दो लोगों को जख्मी किया है. बाघ ने कई मवेशी को भी मार डाला है. बिहार के साथ साथ उत्तर प्रदेश और नेपाल के इलाके के वन क्षेत्र में बाघ आतंक मचा रहा है।