DELHI: बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ने का एलान कर चुकी भाजपा ने दिल्ली में नीतीश का कोई नोटिस नहीं लिया है. दिल्ली के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से तालमेल की कोशिश कर रही जदयू को झटका लगा है. बीजेपी ने आज अपने 57 उम्मीदवारों के नाम का एलान कर दिया. पार्टी ने बाकी के 13 प्रत्याशियों के नाम का एलान भी जल्द करने की बात कही है.
जदयू को थी भाजपा से उम्मीदें
दरअसल जदयू ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी से तालमेल की उम्मीद पाल रखी थी. उसे उम्मीद थी कि नीतीश कुमार के नाम पर भाजपा कुछ सीटें छोड़ने को तैयार हो जायेगी. दो दिन पहले मीडिया से बात करते हुए जदयू के राष्ट्रीय महासचिव और दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी प्रभारी संजय कुमार झा ने कहा था कि वे भाजपा नेतृत्व के साथ बातचीत कर रहे हैं. संजय झा ने उम्मीद जतायी थी कि बिहार की तरह दिल्ली में भी दोनों पार्टियों के बीच तालमेल हो जायेगा.
क्यों नहीं लिया भाजपा ने जदयू का नोटिस
दिल्ली प्रदेश भाजपा के एक बड़े नेता ने कहा कि दिल्ली में जदयू का नोटिस लेने का कोई कारण नहीं बनता है. नीतीश कुमार लगातार तीन दफे दिल्ली के विधानसभा से लेकर नगर निगम के चुनाव में अपना पूरा जोर लगा चुके हैं. जदयू को इतने भी वोट नहीं मिले जिससे की पार्टी की इज्जत बच जाये. ऐसे में भाजपा क्यों उनके लिए कोई भी सीट छोड़ेगी. वैसे भी बीजेपी ने दिल्ली की कमान बिहार से आने वाले मनोज तिवारी को दे रखी है. बीजेपी को बिहारी वोटरों के लिए जदयू और नीतीश कुमार की जरूरत क्यों होगी.
अब क्या करेंगे नीतीश
सवाल ये उठ रहा है कि भाजपा से लाल झंडी के बाद नीतीश कुमार क्या करेंगे. जदयू सूत्रों के मुताबिक पार्टी वहां हर हाल में चुनाव लडेगी. नीतीश अपने सिपाहसलार संजय झा के जरिये काफी दिनों से दिल्ली चुनाव की तैयारी कर रहे थे. खुद नीतीश ने दिल्ली जाकर पार्टी समर्थकों के साथ बैठक की थी. ये दीगर बात है कि जदयू को कोई कद्दावर नेता नहीं मिला. लिहाजा भाजपा से मदद की उम्मीद लगायी गयी थी. वहां से इंकार के बावजूद जेडीयू दिल्ली से चुनाव लडेगी. पार्टी सूत्रों के मुताबिक जदयू लगभग 10 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है.