DELHI : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 29 फरवरी से पहले राऊज ऐवेन्यू कोर्ट में पेश होना होगा। 6 साल पुराने आपराधिक मानहानि केस में केजरीवाल को पेशी का यह आदेश दिया गया है। आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख को बुधवार को ही पेश होना था। हालांकि, उनके वकील ने बजट में व्यस्तता की वजह से मुख्यमंत्री के लिए व्यक्तिगत पेशी से छूट की मांग की। अदालत ने केजरीवाल के वकील की प्रार्थना को स्वीकार किया और 29 फरवरी से पहले हाजिर होने को कहा।
दरअसल, यह मामला यूट्यूबर ध्रुव राठी का एक विवादित वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करने से जुड़ा है। सोशल मीडिया पेज 'I Support Narendra Modi' के संस्थापक विकास संकृत्यायन ने मानहानि का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। उनका कहना था कि ध्रुव राठी ने झूठी और अपमानजनक बातें कहते हुए वीडियो बनाया था, जिससे दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने आगे बढ़ाया। इस केस में केजरीवाल को कोर्ट ने समन भेजा था।
वहीं, दिल्ली के सीएम ने समन को रद्द कराने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। दो दिन पहले ही अदालत ने केजरीवाल की याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि अपमानजक सामग्री को रीट्वीट करना भी मानहानिकारक है। याचिकाकर्ता के वकील मुकेश शर्मा ने पीटीआई से बातचीत में कहा, 'अरविंद केजरीवाल को आज पेश होना था। लेकिन उनके वकील पेश हुए और बजट सत्र का हवाला देकर छूट के लिए अर्जी दी। कोर्ट ने इसे मंजूर कर लिया।
उधर,अब इस मामले की सुनवाई 29 फरवरी को होगी। केजरीवाल के वकील ने कहा कि वह कानूनी उपचार पर विचार कर रहे हैं। हो सकता है कि वह हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करें।' शर्मा ने कहा कि यदि ट्रायल कोर्ट की प्रक्रिया पर स्टे नहीं लगाया जाता है तो उन्हें कोर्ट में पेश होना होगा।