Bihar Assembly Election 2025 : महागठबंधन में दरार ! कई सीटों पर कांग्रेस और राजद के उम्मीदवार आमने-सामने; BJP ने पूछे यह सवाल Bihar Assembly Election : अमित शाह ने खुद संभाला मोर्चा, BJP की सीटवार तैयारी को लेकर नहीं हैं खुश; कई बड़े नेता को लगी है फटकार Bihar Assembly Election 2025 : आरजेडी ने 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी, लालू-राबड़ी से लेकर रोहिणी और यह बड़ा नेता शामिल Bihar assembly election 2025 : पैसे से टिकट देते हैं लालू और तेजस्वी, बाहुबली नेता की बेटी ने किया बड़ा खुलासा, कहा - पांच साल कमाकर भरनी पड़ती है उनकी झोली Bihar News: बिहार में यहां भीषण सड़क हादसा, युवक की मौत Patna High Court : मनी लॉन्ड्रिंग केस में आईएएस संजीव हंस को पटना हाईकोर्ट से सशर्त जमानत, ईडी के आरोपों पर उठे सवाल Bihar News: बिहार के हर जिले में होगा यह विशेष काम, समिति का गठन जल्द Bihar Weather: बिहार के तापमान में गिरावट लगातार जारी, इस दिन से लोगों को झेलनी होगी कड़ाके की सर्दी Bihar Election 2025: BJP की रणनीति पर हो रहा NDA में कैंडिडेट का चयन, जानिए क्यों बिहार में हो रही इस बात की चर्चा ; ये है असली वजह Bihar Election: 4 बार के MLA और पूर्व सांसद RJD छोड़ जन सुराज में शामिल, कहा "उस पार्टी में घुटन महसूस हो रही थी"
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 21 Jul 2023 11:45:38 AM IST
- फ़ोटो
DESK : पिछले कुछ दिनों से देश भर के राजनितिक गलियारों में इस बात की चर्चा तेज है कि चिराग पासवान और पशुपति पारस के बीच सबकुछ पहले जैसा हो गया है। क्या पारस मान गए ? क्या रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने उन्हें मना लिया? क्या इस लोकसभा चुनाव से पहले दोनों एकसाथ नजर आएंगे ? अब इन तमाम सवालों का जवाब एक बार फिर खुद लोजपा (रामविलास ) के नेता चिराग पासवान ने दी है। चिराग ने कहा कि - यह मामला राजनीतिक नहीं बल्कि पारिवारिक है।
दरअसल, 18 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एनडीए की बैठक में एक फोटो नजर आई थी। इसमें चिराग पासवान और पशुपति पारस चाचा-भतीजा की तरह एक दूसरे के गले मिले। चिराग ने पारस का पांव भी छुया जिसके बाद यह कहा जाने लगा कि इनके बीच की दूरियां कम हो गई।लेकिन चिराग ने यह पूरा मामला पारस के पाले में डाल दी है। जमुई सांसद चिराग पासवान ने चाचा से मिलन को लेकर अपनी बात कही है।
चिराग पासवान ने एक निजी चैनेल से बातचीत में कहा कि- चाचा की लड़ाई राजनीतिक नहीं है बल्कि मामला पूरी तरीके से पारिवारिक है। इसलिए इस मामले में भी निर्णय चाचा को ही लेना है क्योंकि हमारे यहां फैसले बड़े करते हैं। चिराग पासवान ने कहा कि पिताजी के निधन के बाद चाचा में अपने पिता की छवि देखी। कुछ परिस्थितियां आईं जिससे अलग हो गए। मेरी समझ में बात नहीं आई। लेकिन अलग होने का फैसला भी उन्हीं का था तो साथ होने का फैसला वही करेंगे। इसमें मुझे कुछ नहीं कहना है।
मालूम हो कि, इससे पहले पशुपति पारस ने भतीजा चिराग पासवान को लेकर गहरी नाराजगी जताई थी। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि दिल टूटते हैं तो कभी नहीं मिलते हैं। पारस ने चिराग को लेकर कठोर बात कही थी। लेकिन पीएम मोदी की मीटिंग में दोनों करीब से मिले। इन तमाम सवालों पर चिराग पासवान ने कहा है कि मुझे कुछ नहीं कहना है। चाचा फैसला करेगें कि वह क्या करना चाहते हैं।फैसला उन्हें लेना है। मुझे इसमें कुछ नहीं करना है।
आपको बताते चलें कि, मिशन 2024 को लेकर बीजेपी की हर एक सीट पर नजर है। चाहे बात उम्मीदवार की हो या फिर गठबंधन के साथी दलों के। भाजपा एक बार फिर अपनी सरकार बनाने के लिए हर सीट पर गंभीरता से नजर बनाई है। इसीलिए लोक जनशक्ति पार्टी के दोनों दलों को भाजपा साथ में लाना चाहती है। 18 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एनडीए की बैठक में इसकी झलक भी दिखी।