PATNA : अपने ट्रांसफर के बाद करीब साढ़े 7 सौ फाइल लेकर भागने वाली पटना सदर की पूर्व DCLR मैत्री सिंह मामले में हर दिन कोई न कोई नया अपडेट निकलकर सामने आ रहा है। अब खबर यह है कि DCLR ऑफिस से चार बिचौलियों की तस्वीर कैद हुई है। हालांकि DCLR ऑफिस का कैमरा बंद था, लेकिन दुसरे सीसीटीवी में इनलोगों की फुटेज मिली है।
अब जानकारी मिली है कि पटना सदर अनुमंडल की पूर्व डीसीएलआर मैत्री सिंह के दफ्तर में दाखिल खारिज और भूमि विवाद के मामले के निपटारे के लिए बिचौलियों का एक गैंग काफी एक्टिव था। इसमें चार लोग मुख्य रूप से शामिल थे और इन चारों की तस्वीर सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। अब सीसीटीवी फुटेज के आधार पर इनकी पहचान की जा रही है।
DCLR ऑफिस में लगा कैमरा बंद
22 अक्टूबर को DCLR मैत्री सिंह के तबादले के बाद यह लोग सरकारी दस्तावेज गाड़ी से ले गए थे। दिलचस्प बात यह है कि DCLR ऑफिस में लगा कैमरा बंद था। मगर दस्तावेज ले जाने वालों की तस्वीर दूसरे अधिकारी के कार्यालय के पास लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। वही दस्तावेजों के बैक डेट में निपटारे का मामला प्रकाश में आने के बाद जांच टीम 14 और 15 नवंबर को दफ्तर में फाइल लेकर आए लोगों के बारे में जानकारी जुटा रही है।
कार्यालय खोलकर सरकारी दस्तावेज ले गए बिचौलिए
यह टीम ने दूसरे दिन भी कर्मचारी से पूछताछ की है। जांच टीम में शामिल अधिकारियों की माने तो अक्टूबर में DCLR के ट्रांसफर के बाद यह बिचौलिए काफी एक्टिव हो गए थे। 23 अक्टूबर की रात में इनोवा गाड़ी से कुछ लोग आए और कार्यालय खोलकर सरकारी दस्तावेज ले गए।हालांकि, जानकारी यह भी आई थी कि DCLR मैत्री सिंह 22 अक्टूबर को हुए अपने ट्रांसफर के अगले दिन ही ऑफिस से सोफा-टेबल समेत अन्य सामान ले गई थीं। सामान ले जाने के पहले ऑफिस में लगे सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर को खोल दिया गया था, ताकि पूरे मामले की तस्वीर कैद नहीं हो सके।
काला कोट पहने शख्स बार -बार आता-जाता दिखा
सदर एसडीएम कार्यालय के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में काला कोट पहने व्यक्ति बार-बार आते-जाते देखा जा रहा है। अब चारों व्यक्तियों की पहचान की जा रही है। जांच अधिकारियों का कहना है कि हर बिंदुओं पर गहनता से जांच चल रही है। सीसीटीवी फुटेज और कर्मचारियों से पूछताछ के आधार पर डीएम को रिपोर्ट सौंपी जाएगी।जिलाधिकारी डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि जांच टीम को विस्तृत छानबीन करने को कहा गया है जांच रिपोर्ट आने के बाद अगले की कार्रवाई की जाएगी। जो लोग बिचौलिए का काम कर रहे थे उन सभी पर कड़ी कार्रवाई होगी।
करीब 400 फाइल अब भी गायब
बता दें कि पटना DM को खबर लगी थी कि DCLR मैत्री सिंह अपने ट्रांसफर के बाद जमीन विवाद से जुड़े करीब साढ़े सात सौ फाइल लेकर चली गई थी। बाद में दलालों के जरिए उन फाइल्स का बैक डेट में निपटारा किया जा रहा था। पटना DM ने जब जांच शुरू करवाई तो करीब पौने तीन सौ फाइल्स दलालों ने ऑफिस में पहुंचाया लेकिन करीब 400 फाइल अब भी गायब है। पटना DM ने इसकी जानकारी राज्य सरकार को देने के बाद 10 सदस्यों की जांच कमेटी बना कर पूर्व DCLR के सारे कारनामों की जांच शुरू कराई है।
मंगलवार को जांच अधिकारियों ने डीसीएलआर कार्यालय के कर्मचारियों से 2 घंटे तक पूछताछ की। कुछ कर्मचारियों ने लिखित तौर पर भी जानकारी दी है, जबकि कई ने पूछताछ में बताया कि 22 अक्टूबर को DCLR मैत्री सिंह का ट्रांसफर हुआ था। उसके अगले दिन यानि 23 अक्टूबर की रात एक इनोवा गाड़ी से कुछ लोग ऑफिस में पहुंचे थे और कार्यालय के महत्वपूर्ण दस्तावेज लेकर चले गए थे।
सोफा-टेबल भी ले गई डीसीएलआर
जांच टीम को कर्मचारियों ने बताया कि कार्यालय में रखा गया महंगा सोफा टेबल और अन्य सामग्री को भी लोग ले गए। जांच टीम को पता चला कि पूर्व डीसीएलआर ने इन सब सामग्री को अपने स्तर से लगवाया था। इसलिए स्थानांतरण के बाद वे सभी सामान ले गईं। जांच अधिकारी इनसमानों का बिल वाउचर नाजिरसे मांग रहे थे, इस बीच उसने यह खुलासा किया।
DM के आदेश से जांच कर रहे अधिकारी हैरान हैं कि आखिर पूर्व डीसीएलआर ने सरकारी दफ्तर में अपने स्तर से सोफा-टेबल और दूसरे सामान क्यों लगवाया था? इसके लिए पैसा कहां से आए थे? इन सब बिन्दुओं पर जांच चल रही है. डीसीएलआर केकारनामे सामने आने के बाद दलालों के जरिए करीब पौने तीन सौ फाइल्स लौटए गए हैं। उन दस्तावेज की भी छानबीन की जा रही है, जिसमें सदर अनुमंडल क्षेत्र के सैकड़ों जमीन के दाखिल-खारिज और भूमि विवाद से संबंधित संचिका शामिल है. इन फाइल्स पर बैक डेट में ऑर्डर किया गया है।
बगल के कैमरे से पकड़ी गई
बता दें कि पटना सदर की तत्कालीन DCLR मैत्री सिंह का 22 अक्टूबर को ट्रांसफर हुआ था. उसके बाद वे फाइल्स और कंप्यूटर लेकर भाग गई थीं. अब पता चला है कि वे ऑफिस से सोफा और टेबल के साथ साथ CCTV कैमरे का डीवीआर भी ले गईं थीं। 23 अक्टूबर की देर शाम डीसीएलआर कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरे भले ही खोल लिए गए थे लेकिन बगल में स्थित एसडीएम कार्यालय के कैमरे काम कर रहे थे। जांच अधिकारी उस दिन का सीसीटीवी फुटेज खंगाल रहे हैं. उससे कई और अहम बातें सामने आ रही हैं।