दरभंगा AIIMS पर सियासत: BJP ने नीतीश से मांगा जवाब, श्रेय लेने के चक्कर में RJD-JDU ने मामले को उलझाया: सुशील मोदी

दरभंगा AIIMS पर सियासत: BJP ने नीतीश से मांगा जवाब, श्रेय लेने के चक्कर में RJD-JDU ने मामले को उलझाया: सुशील मोदी

PATNA: बिहार के दरभंगा जिले में एम्स बनाए जाने को लेकर सियासत तेज हो गयी है। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने इसे लेकर बिहार के मुखिया नीतीश कुमार से जवाब मांगा है। उनका कहना है कि आरजेडी और जेडीयू की आपसी लड़ाई में AIIMS फंस गया है। एनडीए से अलग होने के बाद नीतीश कुमार ने राजद व अन्य दलों के साथ मिलकर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाई थी। महागठबंधन की सरकार बिहार में बनने के बाद राजद और जेडीयू के बीच इसका श्रेय लेने की होड़ मच गयी। इसी खींचतान के चलते दरभंगा में एम्स बनाने का मामला इन लोगों ने मिलकर उलझा दिया। 


सुशील मोदी ने नीतीश कुमार से पूछा कि DMCH परिसर में AIIMS बनाने के लिए 81 एकड़ जमीन देने के बाद फिर वापस क्यों ले ली गई? Rjd के भोला यादव ने कैसे इस बात घोषणा कर दी कि अब AIIMS DMCH परिसर नहीं बल्कि हायाघाट स्थित अशोक पेपर मिल परिसर में बनेगा फिर अचानक शोभनी बाईपास के नज़दीक 30 फीट गड्ढे वाली ज़मीन देने की घोषणा कर दी गयी। सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने दरभंगा एम्स योजना को राजनीति में फंसाया है। अशोक पेपर मिल परिसर में एम्स के लिए जमीन देने की घोषणा किसके इशारे पर की गई थी? एम्स को दरभंगा के बजाये सहरसा ले जाने के लिए जदयू सांसदों से क्यों ज्ञापन दिलवाया गया? इन सभी सवालों का जवाब सुशील मोदी ने नीतीश कुमार से मांगा है। 


उन्होंने कहा कि यदि दरभंगा मेडिकल कालेज अस्पताल (DMCH) व्यस्त क्षेत्र में होने के कारण AIIMS के लिए उपयुक्त नहीं है, तो सरकार ने इसी परिसर में पहले 81 एकड़ जमीन क्यों दी थी? उन्होंने पूछा कि 2000 करोड़ रुपये से बनने वाले एम्स-दरभंगा को सहरसा ले जाने के लिए नीतीश कुमार ने दिनेशचंद्र यादव सहित 15 जदयू सांसदों से ज्ञापन क्यों दिलवाया ? यह भी पूछा कि महागठबंधन सरकार बनने और स्वास्थ्य सहित कई विभाग तेजस्वी प्रसाद यादव को मिलने पर लालू प्रसाद के करीबी भोला यादव ने अशोक पेपर मिल (हायाघाट) के परिसर में एम्स के लिए जमीन देने की घोषणा किसके इशारे पर की थी? कौन चाहता था कि एम्स दरभंगा में नहीं बने?


उन्होंने कहा कि दरभंगा में एम्स बनाने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नहीं मिले, इसलिए पहले दो साल तक तो मुख्यमंत्री इस बात अड़े रहे कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (डीएमसीएच) को ही अपग्रेड कर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बना दिया जाए। किसी मेडिकल कॉलेज को अपग्रेड कर एम्स बनाने का नियम नहीं है, इसलिए अन्तत: बिहार सरकार दरभंगा एम्स के लिए डीएमसीएच परिसर में ही  150 एकड़ जमीन देने पर राजी हो गई। 82एकड़ जमीन आवंटित भी कर दी गई थी।


सुशील मोदी ने कहा कि बाद में जदयू के दबाव में बिहार सरकार ने शोभन बाइपास में जो 151 भूमि आवंटित की, वह सड़क से 30फीट नीचे गड्ढे में जल-जमाव वाली भूमि थी। उसे केंद्रीय टीम ने एम्स का भवन बनाने के लिए उपयुक्त नहीं पाया। उन्होंने कहा कि शोभन की जमीन का निरीक्षण करने बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने इसे अस्वीकार कर दिया और कोई दूसरी भूमि आवंटित करने का आग्रह किया। वही कहा कि नीतीश कुमार ने दरभंगा एम्स की कल्याणकारी योजना को ही घटिया राजनीति के गहरे गड्ढे में धकेल दिया। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के बाद केवल बिहार को दो एम्स(पटना, दरभंगा) की सौगात देने का निर्णय किया था, लेकिन राज्य सरकार के असहयोग के कारण यहाँ केवल एक एम्स पटना में बन पाया।