ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar: शादी में नर्तकियों के बीच हर्ष फायरिंग करना पड़ गया महंगा, वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने युवक को दबोचा वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने किया एलान, हमारी आगे की लड़ाई ‘गिनती के बाद हिस्सेदारी’ की जाकिर बन गया जगदीश: 8 मुसलमानों ने हिन्दू धर्म को अपनाया, हवन और वैदिक मंत्रोच्चारण से हुआ शुद्धिकरण HAJIPUR: जननायक एक्सप्रेस से 8 किलो अफीम बरामद, महिला समेत दो तस्कर गिरफ्तार ISM में वेदांता इंटरनेशनल और ICICI बैंक के कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव 2025 का आयोजन, कई छात्र-छात्राओं का हुआ चयन Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. वक्फ बोर्ड बिल के विरोध में मुंगेर में शरारती तत्वों ने चलाया बत्ती गुल अभियान, डॉक्टर ने लाइट्स बंद नहीं किया तो जान से मारने की दी धमकी Bihar News: वज्रपात की चपेट में आने से दो लोगों की दर्दनाक मौत, बारिश के दौरान हुआ हादसा मधुबनी में दहेज दानवों की करतूत: दो लाख रूपये के लिए 2 बच्चों की मां की पीट-पीटकर हत्या

दाखिल खारिज के नियम में हुआ बड़ा बदलाव : अब मनमानी नहीं कर पाएंगे CO

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 10 May 2024 08:50:30 AM IST

दाखिल खारिज के नियम में हुआ बड़ा बदलाव : अब मनमानी नहीं कर पाएंगे CO

- फ़ोटो

PATNA : बिहार में अब दाखिल-खारिज के किसी आवेदन को अंचल स्तर पर एक बार में सीधे अस्वीकृत नहीं किया जा सकेगा। इसे अस्वीकृत करने से पहले आवेदक से उसका पक्ष जानना होगा। बिना मामले की सुनवाई किए कोई अंचलाधिकारी (सीओ) या राजस्व अधिकारी सिर्फ कारण लिखकर इसे अस्वीकृत नहीं कर पाएगा। इससे संबंधित आदेश राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जारी कर दिया है।


विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी प्रमंडलीय आयुक्तों और डीएम को पत्र लिखा है। इस पत्र में जिला स्तर पर इस आदेश का पालन अनिवार्य रूप से सीओ और राजस्व अधिकारी से कराने के लिए उन्हें खासतौर पर निदेश दिया गया है। सभी सीओ से भी कहा गया है कि वे इस आदेश का अनुपालन करें और इसके आधार पर ही स्थिति की समीक्षा करें। इस आदेश में कहा गया है कि दाखिल-खारिज का आवेदन अगर एक बार अस्वीकृत हो जाता है, तो आवेदक को इसकी अपील भूमि सुधार उपसमाहर्ता के न्यायालय में करनी पड़ती है। 


जबकि, कई बार कोई दस्तावेज अपठनीय रहने या प्रासंगिक दस्तावेज छूट जाने के कारण भी आवेदन में आपत्तियां लगाई जा सकती हैं। यानी छोटे-मोटे या बिना किसी ठोस कारण के आवेदन को अस्वीकृत नहीं किया जा सकता है। अधिकांश मामलों में देखा जाता है कि अंचल स्तरीय अधिकारी बिना आवेदक का पक्ष जाने आपत्ति लगा कर आवेदन अस्वीकृत कर देते हैं। प्राकृतिक न्याय के दृष्टिकोण से यह आवश्यक है कि किसी भी मामले को अस्वीकृत करने से पहले संबंधित याचिकाकर्ता को आपत्ति की सूचना देते हुए उन्हें अपना पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाए।


उधर, दाखिल-खारिज अधिनियम के अनुसार, यदि अंचल अधिकारी, कर्मचारी और अंचल निरीक्षक जमीन के दस्तावेज की जांच से संतुष्ट नहीं हैं, तो वह इसकी जांच कर अपना निष्कर्ष लिखेंगे। इसके बाद संबंधित पक्षों को सुनवाई एवं साक्ष्य प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाएगा। इसके बाद भी अगर दस्तावेज अधूरे या गलत पाए जाते हैं, तो सीओ सभी संबंधित आधार का उल्लेख करते हुए किसी आवेदन को अस्वीकृत कर सकेंगे।