PATNA: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में अब सभी पार्टियों को बताना पड़ेगा कि आखिर किसी वजह से उन्होंने आपराधिक मुकदमें वाले नेताओं को चुनाव में टिकट दिया है. बिहार में पहले से ही अपराधिक मुकदमें वाले नेताओं का टिकट देने का सभी पार्टियों का पुराना इतिहास रहा है. लेकिन अब जवाब देना होगा. ऐसे में कई नेताओं का पत्ता साफ होना इस विधानसभा चुनाव में तय है.
चुनाव आयोग ने भेजा पत्र
इसको लेकर चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजर सभी मान्यता प्राप्त दलों के लिए यह प्रावधान लागू कर दिया है. बिहार में 150 रजिस्टर्ड दलों को निर्वाचन विभाग ने चिट्ठी लिखी है. इसके अलावे राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त 2543 दलों को भी पत्र भेजा गया है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नई व्यवस्था
इसके बारे में चुनाव चुनाव आयोग का कहना है कि यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सभी पार्टियों को पत्र लिखा गया है. यह व्यवस्था बिहार विधानसभा चुनाव में पहली बार लागू हो रहा है. पार्टियों को बताना होगा कि आपराधिक मामले दर्ज नेताओं को उम्मीदवार बनाने का क्या कारण था. इसके अलावे 48 घंटे में समाचार पत्रों में इसकी सूचना देनी होगी.