Bihar Politics: तेजस्वी यादव मेरे छोटे भाई हैं- निशांत, 'मेरे पिता 100 फीसदी स्वस्थ हैं...आराम से 5 साल CM रह सकते हैं' Bihar Politics: तेजस्वी यादव मेरे छोटे भाई हैं- निशांत, 'मेरे पिता 100 फीसदी स्वस्थ हैं...आराम से 5 साल CM रह सकते हैं' Bihar Crime News: पति ने पत्नी को मौत के घाट उतारा, घरेलू कलह में वारदात को दिया अंजाम Bihar News: बिहार के इस जिले को मिली दो नई सड़कों की सौगात, सरकार ने दी 44 करोड़ की मंजूरी अजब प्रेम की गजब कहानी: सास-दामाद के बाद अब समधी और समधन की लव स्टोरी, घर छोड़ दोनों हुए फरार Innovative farming: 8 लाख की नौकरी छोड़ गांव लौटा युवक...अब खेती से कमा रहा है दोगुनी कमाई! जानिए कैसे? Bihar News: जमुई में नो एंट्री टाइम में बदलाव से जनता को बड़ी राहत, एसपी के निर्देश पर प्रभावी हुआ नया नियम Arvind Kejriwal Daughter Wedding: पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल की बेटी हर्षिता शादी के बंधन में बंधीं, संभव जैन के साथ लिए सात फेरे Goal Institute: गोल इंस्टीट्यूट में विशेष सेमिनार का आयोजन, नीट 2025 के लिए छात्रों को मिला महत्वपूर्ण मार्गदर्शन Bihar Politics: सीएम फेस को लेकर महागठबंधन में मचे घमासान पर BJP की पैनी नजर, क्या बोले केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय?
11-Jan-2021 03:13 PM
DESK : कोरोना वायरस ने पूरे विश्व में इस वक़्त तबाही मचाई हुई है. इस वायरस ने न सिर्फ लोगों की जान ली है बल्कि इसके साथ ही अर्थव्यवस्था और साथ ही साथ लोगों के दैनिक जीवन को भी तहस-नहस कर दिया है. हालंकि आपको बता दें कि वैक्सीन मिलने के बाद लोगों को थोड़ी राहत मिली है. कोविड-19 आने के बाद ऐसे खतरे देखने के बाद अब एपिडेडियोलॉजिस्ट और मेडिकल एक्सपर्ट हमें दूसरी कई बीमारियां और इन्फेक्शन से सावधान रहने की सलाह दे रहे हैं. अगर अब भी हम सतर्क नहीं हुए तो भविष्य में ये किसी भयानक बीमारी के रूप में उभर कर सामने आ सकता है. आज हम उन 10 भयानक बीमारियों के बारे में जानेंगे जो कोरोना से भी जानलेवा है.
अफ्रीका में एक वक़्त फैलने वाली बीमारी इबोला के बारे में तो आपको पता ही होगा. हालांकि इबोला उतनी तेजी से नहीं फैलता है, लेकिन यह बुखार बेहद घातक होता है.इबोला जानवरों से इंसानों में फैलती है.WHO का दावा है कि यह बीमारी इंसान से इंसान में ट्रान्सफर होती है.कुछ दिनों पहले ही इबोला से मरने वालों की संख्या सामने आई है. आपको बता दे की 3400 मामलों में से 2270 लोगों की मौत हुई है. जनवरी 2020 में इबोला का एक वैक्सीन भी आई थी, लेकिन उसे बड़े पैमाने पर रोलआउट नहीं किया गया. वैज्ञानिक कहते हैं कि अगर इबोला को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया तो भविष्य में इसके बुरे नतीजे देखने को मिल सकते हैं.
लासा बुखार एक वायरल इंफेक्शन है, जो रक्तस्रावी बीमारी (हेमोरेजिक इलनेस) के लक्षणों का कारण बनता है. लासा फीवर की चपेट में आने वाले हर पांचवें शख्स की किडनी, लिवर और स्प्लीन पर बहुत बुरा असर होता है. घर की दूषित चीजों, यूरीन, मल और ब्लड ट्रांसफ्यूशन के जरिए यह बीमारी लोगों में फैल सकती है. अफ्रीकी देशों में यह बीमारी अभी भी उग्र है. सैकड़ों लोगों की जान लेती है और इसकी कोई वैक्सीन भी नहीं है.
मार्गबर्ग वायरस डिसीज- यह बीमारी उसी फैमिली के वायरस फैलती है जो इबोला जैसी खतरनाक बीमारी के लिए जिम्मेदार है. ये रोग बेहद संक्रामक है और जीवित या मृत लोगों को छूने से भी फैल जाता है. इस महामारी का पहला प्रकोप साल 2005 में युगांडा में देखा गया था, जहां इसने संक्रमित हुए 90 प्रतिशत लोगों की जानें ले ली थीं.
'दि मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम' भी एक बेहद खतरनाक इंफेक्शन है, जो रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट के जरिए इंसानों में फैलता है. वैज्ञानिक कहते हैं, 'भले ही इस बीमारी का खौफ आज कम हो गया हो, लेकिन रेस्पिरेटरी हाइजीन में गलती या लापरवाही दुनियाभर में इसके मामले बढ़ने की वजह बन सकती है.' यह SARS-COV-2 से भी संबंधित एक बीमारी है, क्योंकि दोनों एक ही तरीके से फैलते हैं.
सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम भी उसी वायरस की फैमिली से आता है जो कोविड-19 के लिए जिम्मेदार है. इस बीमारी का पहला मामला साल 2002 में चीन में दर्ज किया गया था. SARS करीब 26 देशों में फैला और करीब 8,000 लोग इसकी चपेट में आए. इसका डेथ रेट काफी ज्यादा था. लोगों में कोविड के ही लक्षण देखे गए थे. रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट से फैलने वाली इस बीमारी का कोई इलाज भी नहीं था.
निपाह वायरस को खसरे के वायरस से जोड़कर देखा जाता है जो साल 2018 में केरल में बड़े पैमाने पर फैला था. इस बीमारी को सफलतापूर्वक नियंत्रित कर लिया गया था. लेकिन इसके लक्षण और ट्रांसमिट होने के तरीकों से भविष्य में इसके फैलने की संभावना काफी बढ़ जाती है. चमगादड़ से इंसानों में फैली इस बीमारी से नवर्स इन्फ्लेमेशन, सूजन, तेज सिरदर्द, उल्टी, चक्कर और घबराहट जैसे लक्षण देखे जाते हैं.
पिछले कुछ समय से डिसीज एक्स का नाम सुर्खियों में काफी ज्यादा है, हालांकि, ये अभी एक आशंका ही है. वैज्ञानिक आगाह कर रहे हैं कि 2021 में ये एक महामारी के रूप में उभर सकता है. कांगों में एक महिला में रक्तस्रावी बुखार के लक्षण दिखाई दिए हैं. वैज्ञानिकों को डर है कि यह किसी नए और संभावित वायरस के कारण हो सकता है. वैज्ञानिकों को आशंका है कि इसकी चपेट में आने वाले 80-90 प्रतिशत लोगों की मौत हो सकती है. हालांकि इसे लेकर किसी के पास ज्यादा जानकारी नहीं है. WHO खुद इसे एक संभावित बीमारी मान रहा है.