KANPUR : नई दिल्ली से पटना होते हुए डिब्रूगढ़ जाने वाली गुवाहाटी राजधानी एक्सप्रेस में कल रात इजरायली यात्री के छींकने और खांसने के बाद भारी हड़कंप मच गया. दहशत में आये यात्रियों ने चेन पुलिंग कर ट्रेन रोकनी शुरू कर दी. अगल बगल के यात्री बोगी छोड़ कर भाग खड़े हुए. आनन फानन में पहुंची डॉक्टरों की टीम ने उनकी जांच की लेकिन ट्रेन के यात्रियों ने छींकने वाले पैसेंजर को वापस बोगी में घुसने नहीं दिया.
गुवाहाटी राजधानी एक्सप्रेस का वाकया
कल शाम नई दिल्ली एक्सप्रेस से गुवाहाटी राजधानी एक्सप्रेस खुली. ये ट्रेन पटना होते हुए डिब्रूगढ़ जाती है. ट्रेन के B-10 बोगी में दो विदेशी नागरिक बैठे थे. ट्रेन खुलने के कुछ देर बाद उनमें से एक ने छींकना शुरू कर दिया. बगल में बैठे प्रदीप नाम के यात्री ने पूछा कि वे दोनों किस देश से हैं और कहां जा रहे हैं. दोनों ने बताया कि वे इजरायल से हैं और गुवाहाटी जा रहे हैं.
छींक रहे विदेशी यात्री के ये बताते ही ट्रेन में हड़कंप मच गया. अगल-बगल के लोग वहां से भाग खडे हुए. इसी बीच किसी यात्री ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर दिया. कुछ यात्रियों ने चेन पुलिंग कर ट्रेन को रोकने की कोशिश शुरू कर दी. हालांकि साथ चल रहे रेलवे के कर्मचारियों ने उन्हें समझाया कि थोडी देर में ही कानपुर स्टेशन आने वाला है. कानपुर बड़ा शहर है और वहां जांच से लेकर दूसरी तमाम सुविधायें उपलब्ध होगी. अगर विदेशी नागरिक कोरोना वायरस से पीड़ित होंगे तो उन्हें वहीं उतार दिया जायेगा.
कानपुर स्टेशन पर भी अफरा-तफरी
उधर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कानपुर स्टेशन पर सूचना पहुंच चुकी थी. राजधानी एक्सप्रेस के पहुंचने से पहले ही प्लेटफार्म पर डॉक्टरों की टीम से लेकर RPFऔर GRP का पूरा दस्ता मौजूद था. जैसे ही ट्रेन स्टेशन पर पहुंची डॉक्टरों की टीम B-10 बोगी में घुसे. वहां दोनों इजरायली नागरिक अकेले बैठे थे. आस-पास के यात्री बोगी छोड़ कर प्लेटफार्म पर उतर चुके थे.
जांच में नहीं मिला वायरस
डॉक्टरों की टीम ने दोनों इजरायली नागरिकों की जांच थर्मल स्कैनर से की. इसमें दोनों के कोरोनो वायरस से पीड़ित होने की पुष्टि नहीं हुई. चीफ मेडिकल ऑफिसर अशोक शुक्ला के मुताबिक रैपिड रिस्पांस टीम ने थर्मल स्कैनर के माध्यम से दोनों विदेशी यात्रियों का टेस्ट किया. जिसमें दोनों के कोरोना वायरस से पीड़ित होने की बात नहीं आयी. किसी दूसरी वजह से खांसी और छींक आयी थी, जिसकी दवा उन्हें दे दी गयी.
जांच के बावजूद यात्रियों ने ट्रेन में सवार नहीं होने दिया
थर्मल स्कैनिंग के बाद रेलवे की टीम ने दोनों इजरायली यात्रियों को ट्रेन से यात्रा करने की इजाजत दे दी. लेकिन बोगी के दूसरे यात्रियों ने उन्हें कोच में सवार ही नहीं होने दिया. तमाम कोशिशों के बावजूद यात्री नहीं माने तो रेलवे के अधिकारियों ने दोनों विदेशी नागरिकों को पैंट्री कोच में बिठाया और फिर ट्रेन को रवाना किया.