DESK: कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज जब ठीक हो जाते हैं तब भी उनके शरीर के प्रमुख अंगों को ठीक होने में समय लगता है. लेकिन अब इस बारे में एक नई जानकारी निकल कर सामने आ रही है. हाल ही में किए गए एक स्टडी में ये पता चला है कि कोरोना वायरस से ठीक हुए लोगों में आंतों का संक्रमण भी देखने को मिल रहा है. जिसने डॉक्टरों की चिंता बढ़ा दी है.
कोरोना से संक्रमित व्यक्ति के शारीर के अहम् अंग प्रभावित होते हैं. जिसमें पाचन तंत्र और आंतें भी शामिल हैं. लेकिन अब ये बात निकल कर आ रही है कि कुछ मरीजो में आंत के काम में असंतुलन जैसे लक्षण लंबे समय तक रहता हैं. इस शोध के मुताबिक, कोविड-19 पॉज़ीटिव मरीज़ आंत के इंफेक्शन से जूझ सकते हैं, इसमें ज़रूरी नहीं कि उनमें गैस्ट्रोइंटेसटाइनल संक्रमण से जुड़े शुरुआती लक्षण देखे जाएं.
इस बात की जानकारी शोध से जुड़ी एक पत्रिका में प्रकाशित हुई है. इस शोध के बाद हांगकांग के वैज्ञानिकों ने यह निष्कर्ष निकाला कि कोविड-19 का मल के द्वारा भी प्रसारण हो सकता है. इस अध्ययन के लिए, 73 अस्पताल में भर्ती मरीज़ों के मल के नमूनों का विश्लेषण किया गया. विश्लेषण करने पर, यह पाया गया कि 40 से अधिक रोगियों के मल में वायरस के नमूने पाए गए थे.
उनके लक्षणों का विस्तार से अध्ययन करने पर पता चला कि मतली, दस्त या गैस्ट्रोइंटेसटाइनल बीमारी से जुड़े लक्षणों के बिना भी सभी रोगियों में सक्रिय आंत संक्रमण देखा गया. इसमें सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात ये थी कि इनमें से 3 मरीज़ कोरोना टेस्ट में नेगेटिव थे.
कोविड-19 लंबे समय तक स्वास्थ को प्रभावित करता है इस बात की जानकारी सभी को थी, लेकिन नए शोध से ये बात साफ हो गई है कि श्वसन के नमूने का टेस्ट इस बात को नहीं नकार सकता कि व्यक्ति को कोरोना है या नहीं. क्योंकि इंसान के मल से भी संक्रमण का प्रसारण संभव है.