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1st Bihar Published by: Jitendra Kumar Updated Mon, 20 Jul 2020 10:15:00 AM IST
BEGUSARAI : विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटे जिले के कई बीजेपी नेताओं को पिछले दिनों कोरोना हो गया था। बीजेपी महादलित मंच के प्रदेश संयोजक सुनील राम भी इन्हीं नेताओं में से एक हैं। कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद सुनील राम का इलाज हुआ और वह पूरी तरह ठीक हो गए। कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद सुनील राम अपने घर वापस लौटे हैं। बीजेपी नेता की वापसी पर समर्थकों ने ढोल बाजे के साथ जोरदार स्वागत किया है। संक्रमण की आशंका को नजरअंदाज करते हुए बीजेपी नेता के समर्थकों ने भारी मजमा जुटा दिया।
कोरोना को मात देकर वापस लौटे बीजेपी नेता सुनील राम उनका स्वागत किसी दूल्हे की तरह किया गया। अपने गांव पहुंचने पर ढोल बाजे के साथ-साथ समर्थकों ने पटाखे छोड़ते हुए नेता जी का जोरदार स्वागत किया। बीजेपी नेता के स्वागत वाला वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल है। कई समर्थकों ने इस पूरे घटनाक्रम को सोशल मीडिया पर लाइव भी किया था। कोरोना पर जीत हासिल कर ठीक होने वाले बीजेपी नेता ने इस बात की परवाह तक नहीं की कि भीड़ जुटाने से संक्रमण फैल सकता है। सुनील राम बीजेपी के उन नेताओं में शामिल है जो 8 जुलाई को प्रदेश से बीजेपी कार्यालय में आयोजित क्षेत्रीय बैठक में शामिल हुए थे। इस बैठक में शामिल होने के पहले से उनकी तबीयत खराब थी। बाद में जब उन्होंने अपना कोरोना टेस्ट कराया तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई। सुनील राम जैसे नेताओं से प्रदेश मुख्यालय तक संक्रमण पहुंचा और फिर बीजेपी कार्यालय में कोरोना का विस्फोट हो गया। पार्टी के प्रदेश स्तर के बड़े नेता संक्रमित हो गए और आखिरकार प्रदेश कार्यालय में ताला लटक गया।
बताते चलें कि तेघड़ा के दलित प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक सुनील राम समेत 9 लोगों को कोरोना पॉजिटिव आये थे उसके बाद उस गांव को सील कर दिया गया था। कोरोना पॉजिटिव आने के बाद नेताजी पटना के एम्स में इलाज करवाने के लिए भर्ती हुए थे। कुछ दिन बाद नेताजी सुनील राम को कोरोना नेगेटिव आया। जब नेता जी अपने घर एंबुलेंस से जैसे पहुंच की लगा कि कोई दूल्हे राजा आ गए हैं। स्वागत में ना ही लॉकडाउन का पालन दिखा और ना ही किसी के चेहरे पर मास्क लगा हुआ था। नेता जी के स्वागत में दनादन पटाखे और ढोल नगारा बजने लगा। सबसे बड़ी बात यह है कि जिस एरिया को सील किया गया उसे एरिया को किस तरह से सील खोल दिया। किस तरह से सोशल डिसटेंसिंग की धज्जियां उड़ती रहीं.