PATNA: बिहार समेत पूरे देश में कोरोना को लेकर भारी संकट के डेढ़ महीने पूरे होने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नींद टूटी है. नीतीश कुमार कल बिहार के तमाम सियासी दलों के साथ बैठक करेंगे. वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ये बैठक होगी, जिसमें तमाम मान्यता प्राप्त पार्टियों को शामिल होने को कहा गया है.
डेढ़ महीने बाद टूटी नींद
गौरतलब है कि मार्च में कोरोना को लेकर संकट गहरा गया था. इसी दौरान बिहार समेत पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया गया. इस बीच देश के कई राज्यों में सरकारों ने विपक्षी पार्टियों से भी बात कर संकट से उबरने का रास्ता तलाशा. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने भी देश के सभी मुख्मंत्रियों से लगातार बात करने के साथ साथ तमाम पार्टियों से भी बात की. कोरोना से निपटने के लिए सबसे राय मांगी गयी. लेकिन नीतीश सरकार अलग ही हिसाब से काम करती रही.
जानकार बताते हैं कि बिहार की हालत तो ये रही कि नीतीश कुमार की बैठकों में संबंधित विभागों के मंत्रियों तक को बुलाया नहीं जा रहा था. नीतीश की ज्यादातर बैठकों में डिप्टी सीएम सुशील मोदी और स्वास्थ्य विभाग के मंत्री मंगल पांडेय तक को बुलाया नहीं जा रहा था. ऐसे में विपक्षी पार्टियों से बात करने की संभावना ही कहां थी. वैसे कल नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी जेडीयू के विधायकों के साथ बात की थी.
कोरोना संकट के दौरान बिहार सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खडे हो रहे थे. विपक्षी पार्टियां लगातार हमले कर रही थीं . हद तो ये कि कल बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने भी सरकार के कामकाज पर सवाल खडे किये. उन्होंने फेसबुक पर खुल कर लिखा कि बिहार में कोई अधिकारी सही जानकारी देने वाला तक नहीं है. संजय जायसवाल के बयान के बाद नीतीश कुमार और ज्यादा प्रेशऱ में आ गये थे. ऐसे में अब सरकार ने कल सारी पार्टियों के साथ चर्चा करने का फैसला लिया है. वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कल सभी पार्टियों के नेताओं के साथ चर्चा होगी.