AGRA: रेलवे के एक अधिकारी को कोरोना से पीड़ित अपनी बेटी के बारे में प्रशासन को गलत जानकारी देना मंहगा पड़ गया है. सरकार ने रेलवे इंजीनियर के खिलाफ मुकदमा कर दिया है. रेलवे को लिखा जा रहा है कि वो भी अपने अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करे.
आगरा का है वाकया
आगरा के सदर थाने में रेलवे के इंजीनियर के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार ने मुकदमा दर्ज कराया है. जिला अस्पताल के डॉक्टर विनय कुमार ने FIR दर्ज करायी है. FIR के मुताबिक आगरा की एक महिला के कोरोना वायरस से पीड़ित होने की जानकारी मिली थी. सरकार ने उसके ब्लड सैंपल को जांच के लिए भेजा है जिसकी रिपोर्ट नहीं आयी है. लेकिन महिला का पति बेंगलुरू में कोरोना पॉजीटिव पाया जा चुका है. लिहाजा महिला को आइसोलेशन में रखने का फैसला लिया गया.
शनिवार को राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग की टीम महिला के पिता के घर पहुंची जहां वो फिलहाल रह रही है. महिला के पिता रेलवे में इंजीनियर हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम जब महिला के घर पहुंची तो पिता ने बताया कि उनकी बेटी ट्रेन से दिल्ली चली गयी है. दिल्ली से फ्लाइट पकड़ कर वो बेंगलुरू जायेगी.
रेलवे इंजीनियर से ये जानकारी मिलते ही पूरे प्रशासनिक अमले में हडकंप मच गया. कोरोना वायरस से संक्रमित महिला ट्रेन या फ्लाइट में साथ में सफर करने वाले कई और लोगों को बीमार कर सकती थी. लिहाजा पूरा आगरा जिला प्रशासन सकते में आ गया. आनन फानन में डीएम को मामले की जानकारी दी गयी. डीएम ने तत्काल रेलवे के अधिकारियों से संपर्क साधा ताकि महिला को रास्ते में ही ट्रेन से उतारा जा सके. लखनऊ में बैठे सरकार के आलाधिकारियों को भी मामले की जानकारी दी गयी.
छानबीन में सामने आया रेलवे इंजीनियर का झूठ
सरकार से लेकर रेलवे में हड़कंप मचने के बाद इंजीनियर का झूठ पकड़ा गया. इंजीनियर ने जिस ट्रेन से बेटी के दिल्ली जाने की खबर दी थी उसमें वो मौजूद थी ही नहीं. इसके बाद प्रशासन ने सख्ती बरती. आगरा पुलिस को रेलवे इंजीनियर के घर पर भेजा गया. पुलिस ने छानबीन की को तो पता चला कि इंजीनियर की बेटी अपने घर में ही थी. पिता ने गलत जानकारी देकर प्रशासन में हड़कंप मचा दिया. बाद में महिला को आइसोलेशन सेंटर भेजा गया.
डीएम के आदेश पर दर्ज हुआ FIR
रेलवे इंजीनियर की करतूत से खफा आगरा के डीएम ने FIR दर्ज करने का आदेश दिया. इसके बाद मुकदमा दर्ज कराया गया है. रेलवे इंजीनियर के खिलाफ धारा 269 और 270 के तहत मामला दर्ज किया गया है. उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए डीआरएम को भी पत्र लिखा गया है.
दो साल की सजा हो सकती है रेलवे इंजीनियर को
IPC की धारा 270 के मुताबिक कोई भी व्यक्ति गलत इरादे से ऐसा कोई भी काम करता है जिससे दूसरे का जीवन संकट में पड़ जाये तो उसे दो साल के कारावास की सजा और जुर्माना दोनों दंड दिया जा सकता है. वहीं आईपीसी की धारा 269 के तहत भी जानबूझ कर रोग या संक्रमण फैलाने वालों को 6 महीने की कैद की सजा मिल सकती है.