कोरोना को लेकर रिलायंस इंडस्ट्रीज के कर्मचारी घर से करेंगे काम, कुछ सेक्टर में कम कर्मचारियों से चलाया जाएगा काम

कोरोना को लेकर रिलायंस इंडस्ट्रीज के कर्मचारी घर से करेंगे काम, कुछ सेक्टर में कम कर्मचारियों से चलाया जाएगा काम

DELHI: रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए कई जगहों पर अपने सभी कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दे दी है. हालांकि इसमें अस्पताल, रिटेल आउटलेट्स और दूरसंचार सेवा कंपनी के कर्मचारी शामिल नहीं होंगे. इनमें कम कर्मचारियों से काम चलाया जाएगा. 

टेलीकॉम समेत कई विभागों में कम कर्मचारियों से चलाया जाएगा काम

पेट्रोल से लेकर दूरसंचार क्षेत्र में काम कर रही कंपनी ने कई लोकेशंस पर अपने कर्मचारियों के घर से काम करने की अनुमति दी है. यह व्यवस्था देश और विदेश में तैनात कंपनी के कर्मचारियों पर लागू होगी. यह व्यवस्था 31 मार्च तक प्रभावी रहेगी. हालांकि समूह कार्य स्थल पर न्यूनतम संख्या में कर्मचारी रखेगा ताकि कामकाज को सुचारू बनाए रखा जा सके. इस बारे में रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ने काफी कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दी है. हालांकि लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखकर नागरिकों को सभी जरूरी सेवाएं उपलब्ध कराएगी. उसका मुख्य खुदरा किराना कारोबारी, दूरसंचार सेवाएं, अस्पताल और अन्य जरूरी सेवाएं खुली रहेंगी. हालांकि इसमें कर्मचारियों की संख्या करीब 10 प्रतिशत होगी.

कर्मचारियों को सामान्य दिनों की तुलना में एक-दूसरे के बीच अधिक से अधिक संवाद करने और आउटलुक, एमएस टीमों और इंटरप्राइज प्लेटफार्मों के साथ-साथ कंपनी के अन्य आंतरिक प्लेटफार्मों से जुड़े रहने की सलाह दी गई है. प्रवक्ता ने कहा कि इस तरह की अभूतपूर्व स्थिति में सार्वजनिक आवश्यकताओं को देखते हुए, आरआईएल नागरिकों को सभी आवश्यक सेवाएं प्रदान करना जारी रखेगा और अपने मुख्य रिटेल स्टोर्स,  अपनी दूरसंचार कनेक्टिविटी सेवाओं, अस्पताल और जनता के लिए आवश्यक किसी भी अन्य आवश्यक सेवाओं को खुले रखेगा या व्यापार निरंतरता बनाई रखी जाएगी. कंपनी अपने सभी आवश्यक कर्मचारियों को लगातार सलाह और संचार के माध्यम से स्वास्थ्य सुरक्षा प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है. प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी को जोड़ने से इस अवधि के दौरान काम से संबंधित कहीं पर आने जाने के लिए ऐसे कर्मचारियों के लिए ऐप टैक्सी किराया का भुगतान किया जाएगा ताकि सार्वजनिक परिवहन पर दबाव कम हो सके.