कोरोना के इलाज में लापरवाही पर हाईकोर्ट फिर बिफरा: दो दिन में बिहटा में 150 बेड लगाने, IGIMS में ऑक्सीजन टैंक बनाने का निर्देश

कोरोना के इलाज में लापरवाही पर हाईकोर्ट फिर बिफरा: दो दिन में बिहटा में 150 बेड लगाने, IGIMS में ऑक्सीजन टैंक बनाने का निर्देश

PATNA : बिहार में कोरोना के इलाज में सरकारी लापरवाही पर हाईकोर्ट ने शुक्रवार को फिर गहरी नाराजगी जतायी. हाईकोर्ट के सामने एक बार फिर सरकार ने व्यवस्था दुरूस्त होने का दावा किया. लेकिन नाराज हाईकोर्ट ने सरकार को तीन अहम निर्देश जारी किये हैं. कोर्ट ने इसकी भी जांच करने को कहा है कि क्या पटना के पीएमसीएच से ऑक्सीजन की कालाबाजारी हो रही है. 

गौरतलब है कि बिहार में ऑक्सीजन की कमी से लेकर कोरोना के इलाज में सरकारी अक्षमता पर दायर लोकहित याचिकाओं पर हाईकोर्ट रोज सुनवाई कर रहा है. शुक्रवार को भी जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह औऱ मोहित कुमार शाह की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई की. कोर्ट की खंडपीठ ने एक बार फिर सरकारी व्यवस्था पर गहरी नाराजगी जतायी. कोर्ट ने सरकार को तीन अहम निर्देश दिये हैं. 

क्या हैं कोर्ट के निर्देश

हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान बिहटा के ईएसआईसी अस्पताल में अब तक इलाज की मुकम्मल व्यवस्था नहीं होने की बात सामने आयी. 500 बेड की क्षमता वाले इस अस्पताल में न ऑक्सीजन की व्यवस्था हो पायी है औऱ ना ही जांच से लेकर दूसरी जरूरी सुविधाओं की. कोर्ट ने इस पर गहरी नाराजगी जताते हुए अगले सोमवार यानि 3 मई तक कोरोना के मरीजों के लिए 150 बेड का इंतजाम करने औऱ उसके हिसाब से ऑकसीजन की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है. इस अस्पताल में जांच घऱ औऱ दवा के स्टोर को भी अगले हफ्ते तक शुरू करने का निर्देश दिया गया है. 

IGIMS में लगे ऑक्सीजन टंकी

कोर्ट ने पटना के प्रमुख अस्पताल IGIMS में हमेशा के लिए निर्बाध ऑक्सीजन सप्लाई के लिए ठोस कदम उठाने को कहा है. कोर्ट ने सरकार को कहा है कि इस अस्पताल के परिसर में स्थायी ऑक्सीजन क्रायोजेनिक टैंक लगाया जाये. सरकार को ये काम दो महीने में पूरा करने का निर्देश दिया गया है. क्रायोजेनिक टैंक लगने के बाद IGIMS में ऑक्सीजन की किल्लत दूर हो जायेगी.

क्या PMCH से हो रही ऑक्सीजन की कालाबाजारी

हाईकोर्ट ने इस बात की जांच के आदेश दिये हैं कि क्या पीएमसीएच से ऑक्सीजन की कालाबाजारी हो रही है. दरअसल कोर्ट को ये जानकारी दी गयी कि पीएमसीएच में नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल से कम संख्या में कोविड मरीज भर्ती हैं. फिर भी पीएमसीएच में नालंदा मेडिकल की तुलना में ज्यादा ऑक्सीजन की खपत हो रही है. ऐसे में कोर्ट को ये संदेह हुआ कि क्या पीएमसीएच से ऑक्सीजन की कालाबाजारी की जा रही है. हाईकोर्ट ने तीन सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी को इस मामले की जांच करने का आदेश दिया है.