PATNA : कोरोना की दूसरी लहर राजधानी पटना पर बनकर टूटी है। ऐसा लग रहा है जैसे राजधानी पटना कोरोनावायरस की पर बैठी हुई है। पटना में जांच कराने वाले हर पांच में एक व्यक्ति संक्रमित मिल रहा है। यह संक्रमण लोगों की बढ़ती गतिविधियों और लापरवाही के कारण हुआ है। खासकर अप्रैल में संक्रमण की रफ्तार काफी तेज रही। पटना में कराए जा रहे कोरोना जांच सर्वेक्षण में यह अहम बात सामने आई है। ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी संक्रमण शहर की तुलना में काफी कम संक्रमण है। पटना जिले में प्रतिदिन औसतन 15 हजार लोगों की जांच कराई जा रही है। इसमें औसतन तीन हजार लोग संक्रमित पाए जा रहे हैं।
पटना में संक्रमण की रफ्तार अप्रैल के दूसरे सप्ताह से काफी तेज हो गई, जो अब भी जारी है। कोरोना के नोडल अधिकारी के मुताबिक पटना के सभी जांच केंद्रों के अलावा पीएमसीएच, एनएमसीएच, पटना एम्स एवं प्राइवेट लैब में औसतन 15 हजार लोगों की जांच की जा रही है। इसमें हर पांचवां व्यक्ति संक्रमित पाया जा रहा है।
पटना जिले में अब तक 16 लाख 97 हजार 129 लोगों का सैंपल कोरोना जांच के लिए लिया गया है। इसमें एक लाख 6 हजार 784 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई। इनमें 88 हजार 877 लोग इलाज करने के बाद डिस्चार्ज हो चुके हैं। वर्तमान में पटना जिले में 17 हजार 590 कोरोना के सक्रिय मरीज हैं। पटना जिले में कोरोना से 316 लोगों की मौत हो चुकी है। पटना के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में हर दिन लगभग डेढ़ सौ मरीज भर्ती होने के लिए आ रहे है। लेकिन इस अनुपात में अस्पतालों में में बेड उपलब्ध नहीं है।