कोरोना के बीच महंगाई का डंक, 8 साल में थोक महंगाई सबसे ऊपरी स्तर पर पहुंची

कोरोना के बीच महंगाई का डंक, 8 साल में थोक महंगाई सबसे ऊपरी स्तर पर पहुंची

PATNA : देश एक तरफ कोरोना से परेशान है। आम लोगों के जीवन पर संकट बना हुआ है वहीं दूसरी तरफ महामारी के बीच महंगाई का डंक भी जनता को झेलना पड़ रहा है। कच्चे तेल और धातु की बढ़ते दामों के कारण थोक कीमतों पर आधारित महंगाई मार्च में आठ साल के उच्चतम स्तर 7.39 प्रतिशत पर पहुंच गई है। 


पिछले साल लगाए कोविड के कारण लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के चलते दाम कम थे। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में 4.17 प्रतिशत और मार्च 2020 में 0.42 प्रतिशत थी। डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति में लगातार तीसरे महीने बढ़ोतरी हुई है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा, मुद्रास्फीति की वार्षिक दरमार्च 2020 के मुकाबले मार्च 2021 में 7.39% थी। इतना उच्च स्तर इससे पहले अक्तूबर 2012 में था, जब मुद्रास्फीति 7.4% थी। मार्च में खाद्य पदार्थों की महंगाई दर 3.24 प्रतिशत रही। 


मतलब यह कि तरफ कोरोना की मार और दूसरी तरफ महंगाई का वार। लोगों के सामने महामारी से जीवन बचाने की चुनौती है तो वहीं जिंदा बचे रहने पर महंगाई झेलने की मजबूरी। सरकार के दावे अपनी जगह हैं लेकिन आम लोगों को महंगाई का झटका लगातार मिल रहा है।