गयाजी में किसान सम्मेलन का आयोजन, सूरज यादव ने किसानों की आवाज़ बनने का लिया संकल्प थाने के लॉकअप से फरार कैदियों को पुलिस ने दबोचा, चौकीदार और OD ऑफिसर पर सहरसा SP ने की कार्रवाई बाढ़ पीड़ितों के लिए मुआवजे की मांग: अनशन के दौरान RJD नेता की बिगड़ी तबीयत, अस्पताल में मिलने पहुंचे मनोज झा मुजफ्फरपुर: कॉलेज प्राचार्या पर महिला कर्मी की पिटाई और वसूली का आरोप, मानवाधिकार आयोग पहुंचा मामला पूर्णिया में NSD का नाट्य उत्सव: विद्या विहार स्कूल में 21-22 सितम्बर को विशेष प्रस्तुतियाँ बिहार में चुनावी सरगर्मी हुई तेज: शाह-नीतीश की मुलाकात के बाद JDU ने की बैठक, राहुल और तेजस्वी पर साधा निशाना अमित शाह का बेगूसराय दौरा, राहुल-लालू-तेजस्वी पर साधा जमकर निशाना पटना के गर्दनीबाग में 28.66 करोड़ से बनेगा आधुनिक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, क्रिकेट की 15 पिचों समेत जिम-हॉल की सुविधा BIHAR NEWS : 'एक दिन एक घंटा एक साथ’, बिहार में ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान शुरू, गंगा तटवर्ती जिलों में पहुँचेगा स्वच्छता संदेश कल BJP के किस नेता का नंबर..? प्रशांत किशोर चौथा किस्त जारी करेंगे, दावा- जो फड़फड़ा रहा वो धाराशाई होकर गिर जाएगा
1st Bihar Published by: Updated Wed, 17 Feb 2021 08:45:03 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : कोरोना संक्रमण के दौर में पटना के बड़े सरकारी अस्पताल आईजीआईएमएस में कई तरह के बदलाव किए गए थे। अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को पहले आइसोलेशन वार्ड में रहना पड़ता था। अब आईजीआईएमएस के आइसोलेशन वार्ड को बंद कर दिया गया है। मरीजों को इलाज के लिए आने पर अब आइसोलेशन वार्ड में भर्ती नहीं होना पड़ेगा। ओपीडी में जाते ही मरीजों की कोरोना जांच हो जाएगी।
आईजीआईएमएस प्रबंधन ने ओपीडी में इलाज के लिए आने वाले ऐसे मरीज जिनको भर्ती की जरूरत होगी उन्हें आइसोलेशन वार्ड में रखने की बजाय कोरोना टेस्ट के बाद रिपोर्ट के आधार पर भर्ती करने या आगे का इलाज करने के लिए एडमिट लिया जाएगा। यह व्यवस्था बुधवार यानी आज से लागू हो जाएगी। अब तक आईजीआईएमएस में ऐसे मरीज जिन्हें एडमिट करना हो या जिनकी सर्जरी करनी हो उन्हें आइसोलेशन वार्ड में भर्ती रखा जाता था। आइसोलेशन वार्ड में कोरोना जांच का सैंपल लिया जाता था और टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही उन्हें संबंधित वार्ड में शिफ्ट किया जाता था।
अस्पताल के अधीक्षक के डॉ मनीष मंडल के मुताबिक अब आइसोलेशन वार्ड पूरी तरह से हटा दिया गया है। सिर्फ गंभीर मरीजों के लिए ही आइसोलेशन आईसीयू काम करता रहेगा। ऑपरेशन के लिए भर्ती होने वाले मरीजों को ओपीडी में ही कोरोना संक्रमण की जांच रिपोर्ट कराई जाएगी। रिपोर्ट आने के बाद उन्हें भर्ती करने और ऑपरेशन की कार्यवाई की जाएगी। ओपीडी अब पूरी क्षमता के साथ संचालित की जा रही है। आइसोलेशन वार्ड बंद होने से अब अस्पताल में पहले की तरह ज्यादा भीड़ भी उपलब्ध हो पाएंगे।