कोरोना काल के बीच BJP ने बदली चुनावी रणनीति, जनता की मदद के साथ चलेगा जनसंपर्क अभियान

कोरोना काल के बीच BJP ने बदली चुनावी रणनीति, जनता की मदद के साथ चलेगा जनसंपर्क अभियान

PATNA : बिहार में कोरोना महामारी के फुल स्पीड पकड़ने के पहले भारतीय जनता पार्टी विधानसभा चुनाव के लिए पूरी ताकत झोंक चुकी थी। पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वर्चुअल रैली के जरिए मिशन बिहार का शंखनाद किया था। प्रदेश कार्यालय में लगातार क्षेत्रीय बैठकों का आयोजन किया गया। मोदी सरकार 2.0 की उपलब्धियों वाला रिपोर्ट कार्ड लेकर पार्टी के नेता और कार्यकर्ता घर-घर जाने लगे लेकिन इस सब के बीच संक्रमण ने चुनावी मिशन पर ब्रेक लगा दिया। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल के साथ-साथ संगठन महामंत्री नागेंद्र जी और पार्टी के कई वरिष्ठ नेता संक्रमित हो गए। 


सरकार में शामिल बीजेपी के दो-दो मंत्री कोरोना पॉजिटिव पाए गए। सबका इलाज हुआ लेकिन इस बीच विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह की मौत कोरोना से हो गई। इस झटके के बाद बीजेपी ने अपनी चुनावी रणनीति में बड़ा बदलाव कर दिया है। पार्टी अब संक्रमण काल में चुनाव की चर्चा नहीं करना चाहती। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आज बिहार बीजेपी के नेताओं के साथ वर्चुअल मीटिंग की इस मीटिंग में पार्टी के प्रदेश स्तर के तमाम बड़े नेता शामिल हुए। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आज बिहार में पार्टी नेताओं को जो संदेश दिया है वह बता रहा है कि कैसे चुनावी रणनीति में बड़ा बदलाव किया गया है। 


कोरोना और बाढ़ का सामना कर रही बिहार की जनता से अब बीजेपी नेता चुनाव की बात नहीं करेंगे। बीजेपी नेतृत्व को ऐसा लग रहा है कि विपदा की इस घड़ी में अगर चुनाव की चर्चा की गई तो यह बात पार्टी के खिलाफ जा सकती है। मुसीबतों से घिरा वोटर पार्टी के खिलाफ रिएक्शन में आ सकता है और अगर विधानसभा चुनाव समय पर हुए तो इसका खामियाजा बीजेपी को उठाना पड़ सकता है। लिहाजा अब जेपी नड्डा ने बिहार के नेताओं को जनता की मदद करने को कहा है। बीजेपी अध्यक्ष ने प्रदेश नेतृत्व को टास्क देते हुए कहा है कि पार्टी के नेता हों या कार्यकर्ता सभी कोरोना संक्रमण और बाढ़ जैसी आपदा के बीच लोगों की मदद करें। इसके लिए टास्क फोर्स बनाने का भी निर्देश राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दिया है। बीजेपी का मकसद इस मदद के साथ जनसंपर्क अभियान को जारी रखने का है। सियासी जानकार मानते हैं कि अगर बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता आड़े वक्त में लोगों के काम आए तो इसका फायदा विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिलेगा। कोरोना का जैसी परिस्थितियों में मदद के जरिए पार्टी लगातार वोटरों के संपर्क में भी रहेगी। अब देखना होगा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष ने चुनावी मिशन के लिए रणनीति में जो बदलाव किया है उस पर बीजेपी कैसे और कब तक एक्टिवेट मोड में आ जाती है।