PATNA : एडवांटेज केयर वर्चुअल डायलॉग सीरीज के आठवें एपिसोड में कोविड के दौरान बच्चों के अनुभव और उम्मीद पर चर्चा होगी। इस परिचर्चा में देश के ख्याति प्राप्त मनोचिकित्सक, बच्चों से जुड़े संगठनों के हेड, स्कूल बच्चे, यूनिसेफ के अधिकारी आदि भाग लेंगे। कार्यक्रम 20 जून अर्थात रविवार को चार से पांच बजे की बीच होगा, जिसका विषय है, ‘उम्मीद ढूंढ़ना: कोविड-19 के दौरान बच्चों के सजीव अनुभव‘।
एडवांटेज केयर के संस्थापक खुर्शीद अहमद ने बताया कि परिचर्चा में सेंटर फॉर कैटालाइजिंग चेंज(सी 3) की कार्यकारी निदेशक डॉ. अपराजिता गोगोई, यूनिसेफ(बिहार) के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सिद्धार्था रेड्डी, द वाईपी फाउंडेशन की एडोलसेंट लीडर सुक्ति अंतथा, पारस एचएमआरआई अस्पताल(पटना) के कंसल्टेंट मनोचिकित्सक डॉ. मनीष कुमार और चाइल्ड फंड इंडिया में सीनियर स्पेशलिस्ट एजुकेशन एकता चंदा भाग लेंगी। कार्यक्रम का संचालन जानी मानी टीवी एंकर अफशां अंजुम करेंगी। यह परिचर्चा जूम, यूट्यूब https://youtu.be/Fa1t65cjyGo और विभिन्न न्यूज पोर्टल पर देखा जा सकता है। कोई भी व्यक्ति देश-दुनिया के किसी भी कोने से निःशुल्क परिचर्चा में भाग ले सकता है और प्रश्न भी पूछ सकता है।
सर्वे के अनुसार कोविड से किशोर और महिलाओं की परेशानी बढ़ी: अनूप शर्मा
इस सत्र के क्यूरेटर अनूप शर्मा, कम्यूनिकेशन कन्सलटेंट ने बताया कि पीएमएनसीएच ने विश्व स्तर पर एक शोध किया। इसमें भारत के बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ आदि को भी शामिल किया। यह शोध 30 हजार बच्चों और महिलाओं पर किया गया। इसमें पाया गया कि कोविड-19 की वजह से बच्चों और महिलाओं की परेशानी बढ़ गई। भारत और अफ्रीकी देशों में एक तरह की समस्या देखी गई। मानसिक स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती, शिक्षा की सीमित पहुंच, भोजन की असुरक्षा, जीवनयापन छीन जाना, स्वास्थ्य सूचना और सेवा की कमजोर पहुंच, घरेलू हिंसा में वृद्धि, सुरक्षा का अभाव आदि। इसी शोध को आधार बनाते हुए हमने बच्चों पर परिचर्चा का विषय तय किया। उन्होंने बताया कि कोविड की वजह से बच्च्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। सभी बच्चों के पास ऑनलाइन क्लास करने की सुविधा नहीं है। ऐसे में उनकी पढ़ाई नहीं हो पा रही है। प्रवासी भी आ गए हैं। ऐसे में समस्या बढ़ी है।
विषय काफी मौजूं: डाॅ. सिद्धार्था रेड्डी
परिचर्चा के संबंध में डॉ. सिद्धार्था रेड्डी का कहना है कि परिचर्चा का विषय काफी मौजूं है। ऐसा इसलिए कि कोरोना की तीसरी लहर आने की बात की जा रही है। कहा जा रहा है कि इसमें सबसे ज्यादा बच्चें प्रभावित होंगे। ऐसे में बच्चों की स्थिति पर चर्चा करना जरूरी है। अब तक पहली और दूसरी लहर में देखा गया कि बच्चे कोविड से प्रभावित नहीं हुए। कारण उनका बड़ों की तरह एक्सपोजर नहीं हुआ। ऐसे में उनमें बड़ों की तरह रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित नहीं हो पाया है। दूसरी ओर वायरस अपना स्वरूप लगातार बदल रहा है। ऐसे में आशंका है कि तीसरी लहर में यह बच्चों को ज्यादा प्रभावित करेगा। दूसरा कारण यह भी है कि बच्चों में टीकाकरण नहीं हुआ रहेगा। इसलिए भी इस वर्ग के ज्यादा प्रभावित होने की संभवाना है। ऐसे में सरकार को जिला स्तर पर तैयारी करनी होगी। वहां बच्चों के लिए आईसीयू और विशेष वार्ड बनाना होगा। ऑक्सिजन से युक्त बेड बढ़ाना होगा।
हई फाउंडेशन और एडवांटेज केयर ने शुरू किया अस्पताल: खुर्शीद अहमद
प्रख्यात सर्जन डॉ. ए. ए. हई के नेतृत्व में संचालित हई फाउंडेशन और एडवांटेज केयर मिलकर अररिया में अस्पताल शुरू किया है। एडवांटेज केयर के खुर्शीद अहमद ने बताया कि अभी यह छह बेड का अस्पताल है। लेकिन डेढ़ माह में यह 30 बेड का कर दिया जाएगा। काम प्रगति पर है। अभी कोविड मरीजों का मुफ्त में इलाज होगा। बाद में सामान्य मरीजों को भी देखा जाएगा और भर्ती किया जाएगा। खुर्शीद अहमद ने बताया कि इस तरह के बिहार के चार और गांवों में गरीब मरीजों के लिए निःशुल्क अस्पताल खोले जाएंगे। जहां अस्पताल अगले चरण में खुलेगा, उसमें मधुबनी, गया, पटना और सिवान शामिल है। अररिया के बाद मधुबनी का अस्पताल फंक्शनल किया जाएगा। छह माह में योजना पूरी हो जाने की उम्मीद है।
विभिन्न न्यूज पोर्टल पर भी होगा प्रसारित
इस रविवार 20 जून 2021 को दो सेशन होगा पहला सेशन 12 बजे से 1 बजे तक चलेगा। जिसका विषय है, ‘महामारी के दौरान मीडिया की भूमिका और जिम्मेदारी‘। दुसरा सेशन शाम 4 बजे से 5 बजे तक चलेगा। जिसका विषय है, ‘उम्मीद ढूंढ़ना: कोविड-19 के दौरान बच्चों के सजीव अनुभव‘। इस चर्चा का प्रसारण जूम और यूट्यूब के अलावा कुछ प्रमुख न्यूज पोर्टल पर होगा, जिसमें लाइव सिटीज, फर्स्ट बिहार-झारखंड, सिटी पोस्ट लाइव और नौकरशाही डॉट काम शामिल है। दर्शक इन पोर्टल पर जाकर भी चर्चा में भाग ले रहे विशेषज्ञों की बातों को सुन और देख सकते हैं।
पिछले रविवार को आयोजित कार्यक्रम काफी सफल हुआ था
श्री अहमद ने बताया कि पिछले रविवार को भी इस तरह की चर्चा हुई थी, जो काफी सफल रहा। लोगों ने काफी सराहा। कार्यक्रम दो सत्रों में आयोजित किया गया था। जिसमें देश के नामचीन लोग हिस्सा लिए थे। 17 हजार लोग कार्यक्रम से सीधे जुड़े जबकि प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के माध्यम से 62 लाख लोेगों ने कार्यक्रम में हुई चर्चा के बारे में पढ़ा और जाना।