DESK : कोरोना महामारी ने दुनिया की अर्थव्यस्था को पटरी से उतार दिया है. हमारा देश भी इस से अछुता नहीं है. देश में मंदी का दौर है. कोई भी सेक्टर इसके बुरे प्रभाव से बच नहीं पाया . कई कंपनियां छटनी करने को मजबूर हो गई. लेकिन अब बेरोजगार हुए लोगों को निराश होने की आवश्यकता नहीं है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि सामानों की डिलिवरी करने वाली ई कॉमर्स कंपनीयां त्योहारों का मौसम शुरू होने से पहले 30 हजार लोगों को काम पर रखने की तैयारी में है. ये रोजगार अस्थायी होगा लेकिन नौकरी जाने से बेरोजगार हुए लोगों को बड़ी राहत मिलेगी.
ई कॉमर्स कंपनी को इस तरह अस्थायी रूप से लोगों को रखने के पीछे कई कारण है. सुविधा और सहूलियत की वजह से लोग आजकल ऑनलाइन खरीदारी को ज्यादा तरजीह देते हैं. ऊपर से कोरोना महामारी का दौर चल रहा है ऐसे में लोग बाजार जाकर खरीददारी करने से बेहतर ऑनलाइन शॉपिंग को मान रहे. साथ ही त्योहारों के दौरान कंपनियां अच्छे ऑफर्स देती हैं इस वजह से लोग जम कर खरीददारी करते हैं. ऐसे में सामानों की डिलिवरी समेत लॉजिस्टिक सुविधा उपलब्ध कराने के लिए लोगों की जरुरत होती है.
फ्लिपकार्ट और अमेज़न जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों का मानना है कि उनके कारोबार का बड़ा हिस्सा त्योहारों के दौरान होता है ऐसे में उन्होंने अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए बड़ा निवेश करना होगा ताकि आर्डर को बेहतर तरीके से प्रबंधित किया जा सके. फ्लिपकार्ट ने आपूर्ति व्यवस्था को सुदृढ़ करने और डिलिवरी क्षमता बढ़ाने को लेकर हाल ही में 50,000 से अधिक किराना दुकानदरों को अपने साथ जोड़ा है. वहीं आमेजन इंडिया ने मौजूदा आठ केंद्रों का विस्तार करने की घोषणा की है.
ईकॉम एक्सप्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और मुख्य मानव संसाधन अधिकारी सौरभ दीप सिंगला ने पीटीआई से बातचीत में कहा, ''महामारी ने ई-कॉमर्स उद्योग को एक अलग मुकाम पर पहुंचा दिया है. त्योहारों के दौरान हमारे ई-वाणिज्य ग्राहक काफी आक्रमक योजना बना रहे हैं और हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि उनके मांग को पूरा कर सकें. हमने नियुक्तियां शुरू कर दी है. यह प्रक्रिया 10 अक्टूबर तक जारी रहेगी और हम त्योहारों के दौरान 30,000 अस्थायी रोजगार सृजित करने की उम्मीद कर रहे हैं.