DESK: जिस एंटीबॉडी रैपिट किट को कोरोना जांच में तेजी लाने का दावा किया जा रहा था. उस पर राजस्थान ने सवाल उठाया है. फिलहाल इस किट से जांच पर रोक लगा दिया है. देश में पहला राज्य राजस्थान है जो इसका सबसे पहले से इस्तेमाल कर रहा था.
पॉजिटिव को बता रहा निगेटिव
राजस्थान सवाई मानसिंह हॉस्पिल में भर्ती कोरोना के 100 पॉजिटिव मरीजों का इस किट से जब टेस्ट किया गया तो सिर्फ 5 ही पॉजिटिव आया. यानी की पॉजिटिव को भी किट निगेटिव कर दे रहा है. स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि यह गलत परिणाम दे रहा है. उन्होंने कहा कि कोई प्रक्रियागत चूक नहीं है. यह किट इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा भेजी गई थी और हमने इसकी सूचना आईसीएमआर को दे दी है.
सबसे से पहला राजस्थान ने किया था इसका इस्तेमाल
देश में सबसे पहले राजस्थान ने रैपिड किट का इस्तेमाल शुरू किया था. जिसके बाद कहा गया है कि राजस्थान में तेजी से टेस्ट हो रहा है. यह कारगर है. जिसके बाद कई राज्यों को भेजा गया. इस किट के माध्यम से सिर्फ 600 रुपए के खर्च में कोरोना का टेस्ट हो जाता है.
बिहार को भी मिला है किट
18 अप्रैल को बिहार को भी कोरोना संक्रमण जांच और तेज करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने 6240 रैपिड टेस्ट किट बिहार को पहली किस्त में भेजा है. इसके बारे में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा था कि बिहार में आज दोपहर 6240 रैपिड टेस्ट किट उपलब्ध कराए गए हैं. क्योंकि यह पहली किश्त के रूप में है. एक एंटीबॉडी आधारित किट है. विभाग इसके उपयोग के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार कर रहा है. कई और राज्य इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन इस किट पर राजस्थान ने सवाल उठा कर सभी राज्यों को सोचने पर मजबूर कर दिया है.