कांग्रेस को राज्यसभा सीट दिये जाने से माले नाराज: कहा-गठबंधन के लिए कुर्बानी दी है, लेकिन अब लोकसभा चुनाव में ज्यादा सीट चाहिये

कांग्रेस को राज्यसभा सीट दिये जाने से माले नाराज: कहा-गठबंधन के लिए कुर्बानी दी है, लेकिन अब लोकसभा चुनाव में ज्यादा सीट चाहिये

PATNA: बिहार में राज्यसभा की 6 सीटों के लिए हो रहे उप चुनाव में दोनों पक्ष यानि एनडीए और महागठबंधन को तीन-तीन सीट मिलती हुई दिख रही है. महागठबंधन की ओर से राजद ने दो उम्मीदवार उतारे हैं तो तीसरी सीट कांग्रेस के अखिलेश प्रसाद सिंह के पास गयी है. लेकिन इस बंटवारे से भाकपा(माले) नाराज है. माले ने कहा है-हमने इस कुर्बानी दे दी है लेकिन हर बार नहीं देंगे.


माले की नाराजगी 

बता दें कि राज्यसभा चुनाव में विधायकों की संख्या के आधार पर जीत हार होती है. महागठबंधन में विधायकों की संख्या कुछ ऐसी है. राजद के पास 79 विधायक हैं, हालांकि इसमें से तीन विधायक बागी हो चुके हैं. दूसरी नंबर पर कांग्रेस है, जिसके पास 19 विधायक हैं. वहीं भाकपा माले के 12 तो सीपीआई और सीपीएम के पास 2-2 विधायक हैं. माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्च ने आज मीडिया से बात करते हुए कहा कि राज्यसभा की एक सीट पर भाकपा माले का दावा बन रहा था. वाम दलों के पास 16 विधायक हैं. वाम दलों की भी दावेदारी राज्यसभा और विधान परिषद की सीटों पर बनती है.


खरगे के फोन पर माने

दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि कांग्रेस के उम्मीदवार को समर्थन देने के लिए मल्लिकार्जुन खरगे का फोन उनके पास आया था. तेजस्वी यादव से भी बात हुई. इसके बाद हमने महागठबंधन के लिए कुर्बानी दी है. लेकिन ये सिर्फ इस बार के लिए है. बार-बार हम कुर्बानी नहीं देंगे. हमारे लोगों को भी राज्यसभा औऱ विधान परिषद में जाना चाहिये.


लोकसभा में ज्यादा सीट चाहिये

दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि हमने राज्यसभा में कांग्रेस को समर्थन दिया है. इस बात को लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग के दौरान ध्यान में रखा जाना चाहिये. उन्होंने कहा कि जब नीतीश कुमार महागठबंधन में थे तो सीट बंटवारे के लिए दबाव था. तब माले ने 5 सीटो पर दावेदारी की थी. लेकिन नीतीश कुमार गठबंधन में नहीं हैं, लिहाजा परिस्थितियां बदल गयी है. अब बदली हुई परिस्थिति के मुताबिक माले को लोकसभा की सीट चाहिये. ये बात महागठबंधन के नेताओं को बता दिया गया है.