अधिकारियों के साथ बैठक में सफाई क्यों दे रहे हैं नीतीश कुमार, क्या विपक्ष के तीखे हमले से घबरा गये हैं सुशासन बाबू!

अधिकारियों के साथ बैठक में सफाई क्यों दे रहे हैं नीतीश कुमार, क्या विपक्ष के तीखे हमले से घबरा गये हैं सुशासन बाबू!

PATNA: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अधिकारियों के साथ बैठक में अपने काम पर सफाई दे रहे हैं. मुख्यमंत्री को अधिकारियों के सामने सफाई देने की जरूरत क्यों पड़ रही है. सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या विपक्ष के तीखे हमलों से नीतीश कुमार घबरा गये हैं.

अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में CM की सफाई

दरअसल कोरोना संक्रमण को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज राज्य के सभी आलाधिकारियों के साथ साथ सभी डीएम और एसपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग  की. इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग  में नीतीश कुमार ने कोरोना संक्रमण को लेकर नये सिरे से दिशा निर्देश जारी किये. लेकिन नीतीश की इस बैठक की सरकारी प्रेस ब्रीफिंग ने ही सरकार और मुख्यमंत्री की बेचैनी का राज खोल दिया. 



अब जरा देखिये अधिकारियों की बैठक में नीतीश कुमार ने क्या कहा

“हम सिर्फ काम करने में विश्वास रखते हैं. जो लोगों के हित में है वह काम हम पूरी निष्ठा, ईमानदारी और मेहनत के साथ कर रहे हैं. हमें हमेशा लोगों के हित की चिंता लगी रहती है.” 

ये बिहार सरकार के सरकारी प्रेस रिलीज का अंश है जो मुख्यमंत्री की बैठक के बाद जारी किया गया. 15 साल तक बिहार में राज करने के बाद मुख्यमंत्री को अपने अधिकारियों को बताना पड़ रहा है कि वे सिर्फ काम करने में विश्वास करते हैं और पूरी ईमानदारी के साथ काम कर रहे हैं. अमूमन ऐसी भाषा राजनेता पब्लिक मीटिंग में बोलते हैं. लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री को अपने अधिकारियों को ही ये बताना पड़ रहा है. ऐसे में सवाल उठेंगे ही. सवाल ये उठ रहा है कि क्या नीतीश घबरहाट में है या फिर अधिकारियों को ही ये भरोसा नहीं है कि मुख्यमंत्री ईमानदारी से काम करने में विश्वास रखते हैं.

 

घबराहट में हैं नीतीश

सरकार में बैठे एक आलाधिकारी ने ऑफ द रिकार्ड बातचीत में कहा कि नीतीश कुमार की बॉडी लैंग्वेज बदल गयी है. कोरोना संकट के बीच लगातार हो रही आलोचना और विपक्ष के हमलावर तेवर से वे परेशानी में दिख रहे हैं. सरकारी बैठकों में भी उनकी परेशानी दिख जा रही है. जानकार बताते हैं कि ब्यूरोक्रेसी पर भी नीतीश की पकड़ कमजोर होती जा रही है. सरकारी अधिकारियों का एक खास ग्रुप पूरे सिस्टम पर हावी हो गया है. कई मामलों में तो नीतीश की सलाह को भी दरकिनार कर दिया जा रहा है. सरकार में ट्रांसफर-पोस्टिंग से लेकर बड़े ठेके-पट्टे का काम अधिकारियों का यही ग्रुप तय कर रहा है. उधर नीतीश कुमार एक साथ कई मोर्चे पर लड रहे हैं. कोरोना को लेकर लोगों में आक्रोश है. राज्य सरकार का खजाना खाली है. बीजेपी से शीतयुद्ध चल रहा है और विपक्ष खासकर आरजेडी हमलावर है. एक साथ इन मोर्चों पर लड़ने में नीतीश सफल होते नहीं दिख रहे हैं.