PATNA : बिहार की महागठबंधन सरकार के पिछले कई महीनों से शिक्षा विभाग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग अंतर्गत आने वाले बोर्ड और आयोग के अध्यक्षों के गठन को लेकर जो पेंच फंसा हुआ था। अब यह मामला सुलझ गया है। विभाग के तरफ से इसके लिए नाम तय कर ले लिए गए हैं और जो नाम पर मुहर लगी है उनमें राजद सुप्रीमो लालू यादव के सबसे करीबी कहे जाने वाले भोला यादव को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। इसके आलावा राजद के पूर्व विधायक को भी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। जबकि सलीम परबेज को शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले मदरसा बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावा विधानसभा और विधानपरिषद के कई मेंबर को इस में सदस्य बनाया गया है।
दरअसल, पिछले कई दिनों से नीतीश सरकार ने कई बोर्ड और निगमों का किया पुनर्गठन को लेकर समीक्षा कर रहे थे। इसके बाद इन निगमों और बोर्डे के अध्यक्ष समेत मेंबर का पुनर्गठन कर लिया गया है। महागठबंधन सरकार बनने के एक साल बाद जेडीयू और आरजेडी के कई नेताओं को इसमें एडजेस्टमेंट मिला है। इसको लेकर जो अधिसूचना जारी की गई है उसके मुताबिक़ बिहार राज्य संस्कृत बोर्ड का अध्यक्ष भोला यादव को बनाया गया है। जबकि बिहार राज्य महादलित आयोग के अध्यक्ष राज्य सरकार के पूर्व मंत्री संतोष निराला को बनाया गया है।
वहीं, शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले मदरसा बोर्ड का अध्यक्ष जेडीयू नेता और नीतीश के भरोसेमंद कहे जाने वाले पूर्व एमएलसी सलीम परवेज को बनाया गया है। इस बोर्ड के मेंबर के रूप में माले विधायक महबूब आलम को भी जगह दी गई है। इसके आलावा सैयद रुकनुद्दीन अहमद और खालिद अनवर को भी मेंबर बनाया गया है।
जबकि, बिहार राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार बने हैं। वहीं, बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी रियाज़ुल हक़ को दिया गया है। अल्पसंख्यक अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी नौशाद आलम को दी गई है। वहीं, पूर्व सांसद अश्वमेध देवी महिला आयोग की अध्यक्ष बनी है।