PATNA : नीति आयोग की रिपोर्ट में भले ही बिहार में बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर खुलासा किया गया हो लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसकी जानकारी नहीं है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जब नीति आयोग की रिपोर्ट को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने इससे का पल्ला झाड़ लिया.
सीएम नीतीश यह कहते हुए आगे बढ़ गए कि उन्हें इस सब के बारे में कोई जानकारी नहीं सीएम नीतीश ने कहा.. पता नहीं है कि सब क्या है. आपको बता दें कि नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट में बिहार के अंदर बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर जानकारी दी गई है. राज्य में स्वास्थ्य की आधारभूत संरचना में कमियों को उजागर करने वाली इस रिपोर्ट को लेकर नीतीश सरकार गिरी हुई है.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी नीति आयोग की रिपोर्ट को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए हैं लेकिन खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को या तो इन सब बातों की जानकारी नहीं या फिर वह इस पर कुछ बोलने से बचना चाहते हैं. यही वजह है कि उन्होंने नीति आयोग की रिपोर्ट से किनारा कर लिया है.
दरअसल, नीति आयोग ने बिहार सरकार की व्यवस्था की पोल खोल दी है. देशभर में बिहार के अस्पतालों का सबसे बुरा हाल है. केंद्र सरकार के शीर्ष थिंक टैंक नीति आयोग की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. सरकारी आंकड़े बता रहे हैं कि बिहार में एक लाख की आबादी पर मात्र 6 ही बेड हैं. भारत के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की लिस्ट में बिहार नीचे से नंबर वन है. यानी कि बिहार इस मामले में सबसे फिसड्डी राज्य है.
नीति आयोग की ओर से 'जिला अस्पतालों के कामकाज में बेहतर गतिविधियों' पर रिपोर्ट पेश की गई है. इस रिपोर्ट को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और डब्ल्यूएचओ इंडिया ने आपसी सहयोग से तैयार किया है. इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में जिला अस्पतालों में प्रति एक लाख आबादी पर औसतन 24 बिस्तरें हैं. इसमें पुडुचेरी में जिला अस्पतालों में सबसे ज्यादा औसतन 222 बिस्तरे उपलब्ध हैं जबकि इस मामले बिहार के जिला अस्पतालों का सबसे बुरा हाल है. बिहार के जिला अस्पतालों की बात करें तो यहां प्रति एक लाख आबादी पर मात्र 6 बेड उपलब्ध है.