Bihar News: बिहार कांग्रेस कैसे होगी जिंदा..नेता मैदान में उतरते ही नहीं ! कन्हैया कुमार हैं NSUI प्रभारी...आज इस संगठन ने विधानसभा का घेराव किया, राजधानी में रहने के बावजूद वे प्रोटेस्ट से दूर रहे... सहरसा के दो मजदूरों की ओडिशा में संदिग्ध मौत, परिजनों ने की जांच की मांग Bihar Politics: फूलन देवी की शहादत दिवस पर VIP की श्रद्धांजलि सभा कल, संजीव मिश्रा ने बताया सामाजिक न्याय का प्रतीक Bihar Politics: फूलन देवी की शहादत दिवस पर VIP की श्रद्धांजलि सभा कल, संजीव मिश्रा ने बताया सामाजिक न्याय का प्रतीक Bihar News: खेत में अचानक टूटकर गिरा हाई वोल्टेज बिजली तार, करंट लगने से युवक की दर्दनाक मौत गोपालगंज में मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला पर दर्जनों कुत्तों का जानलेवा हमला, हालत गंभीर Patna News: पटना में भीषण गर्मी के कारण कई छात्राएं बेहोश, स्कूल में मची अफरातफरी Patna News: पटना में भीषण गर्मी के कारण कई छात्राएं बेहोश, स्कूल में मची अफरातफरी Thailand-Cambodia Conflict: कंबोडिया और थाईलैंड में जंग तेज, एक F-16 तबाह; अब तक 9 की मौत INDvsENG: ऋषभ पंत का सीरीज से बाहर होना तय, उनकी जगह बिहार के इस खिलाड़ी को मिल सकता है मौका
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 03 May 2023 11:12:51 AM IST
- फ़ोटो
NALANDA : बिहार के सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले में उस समय अफरा- तफरी मच गई जब उत्पाद विभाग के एक पुलिसकर्मी और वकील आपस में भिड़ गए। इन दोनों के बीच जमकर हाथापाई हुई है। पुलिस ने वकील पर बेल्ट से पिटाई करने का आरोप लगाया है। दूसरी ओर पुलिसकर्मी पर वकील ने कॉलर पकड़ने का आरोप लगाया है।
दरअसल, उत्पाद विभाग की टीम ने नूरसराय थाना इलाके के अंधना गांव से शराब के मामले में एक किशोर को पकड़ा। उसके बाद उसे अरेस्ट कर थाना लाया गया। जहां बाल सुधार गृह भेजने से पहले किशोर की मेडिकल जांच करानी थी। इसलिए उसे बिहारशरीफ सदर अस्पताल लाया गया। तभी वहां वकील भी पहुंच गया। इस दौरान पुलिसकर्मी ओर वकील में कहासुनी हो गई। पुलिस का कहना था कि वो वकील को मेडिकल जांच के दौरान साथ रहने की अनुमति नहीं दे सकते। जबकि वकील का कहना था कि, वो कोर्ट के आदेश के बाद मेडिकल जांच के समय साथ था।
वहीं, वकील जितेंद्र कुमार ने बताया कि उत्पाद विभाग की टीम द्वारा शराब मामले में अरेस्ट किशोर के साथ पिटाई की गई थी। किशोर को जेजेबी कोर्ट में प्रस्तुत किया गया था तो उस समय बालक ने पिटाई के बारे में बताया था। जांच के आदेश के बाद दोबारा मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल भेजने की बात कही गई। जांच के आदेश पर उन्हें भी साथ रहने का आदेश दिया गया था। मेडिकल जांच के समय उत्पाद विभाग की पुलिस अपने मोबाइल में फोटो खींची थी। मना करने पर उनका कॉलर पकड़ लिया तब विवाद बढ़ गया।
इधर, इस मामले में उत्पाद विभाग के दारोगा अंजनी कुमार ने बताया कि मेडिकल जांच के लिए किशोर को कोर्ट के आदेश के बाद सदर अस्पताल भेजा गया था। जांच के समय वकील द्वारा डिस्टर्ब किया जा रहा था। उन्हें सूचना मिली कि सदर अस्पताल में पुलिसकर्मी के साथ मारपीट और पुलिस की वर्दी को फाड़ दिया गया है। बेल्ट से पिटाई की गई है। फिलहाल मामला जो भी हो उसकी जांच की जाएगी।