ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Elections 2025: दांव पर कई दिजज्जों की साख, इन तीन सीटों पर सबसे बड़ा महादंगल ; जानिए कौन -कौन हैं मैदान में Indian Railways : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को दी चार नई वंदे भारत ट्रेनों की सौगात, विकास और आत्मनिर्भर भारत की ओर बड़ा कदम Bihar News: बिहार के यात्रियों के लिए रेलवे की विशेष व्यवस्था, अब दर्जनों ट्रेनों में मिलेगी यह महत्वपूर्ण सुविधा Bihar Election 2025: पहले चरण की बंपर वोटिंग के बाद BJP पर संकट! मोदी के करीबी मंत्री ने कर दिया क्लियर, कौन होगा CM? Bihar Election 2025 : बिहार चुनाव में बदल गया पहले फेज का वोटिंग परसेंटेज, ECI ने दिया नया डेटा; जानिए क्या है नया आकड़ा Bihar News: बिहार के इस स्टेशन पर यात्रियों की भारी भीड़, रेलवे ने की होल्डिंग एरिया की व्यवस्था Bihar News: बिहार के मजदूर की मौत के बाद बवाल, पुलिस ने 5 लोगों को दबोचा Bihar Elections 2025 : दूसरे चरण में सीमांचल से शाहाबाद तक एनडीए की अग्निपरीक्षा, 26 सीटों पर पिछली बार एक भी जीत नहीं मिली थी Success Story: कौन हैं IPS अजय कुमार? जिन्हें डिप्टी CM ने डरपोक, कायर और निकम्मा कहा, जानिए पूरी कहानी Bihar Election 2025 : पटना जिले में प्रचार खर्च की रिपोर्ट, मोकामा की वीणा देवी सबसे आगे; दीघा की दिव्या गौतम सबसे पीछे

सीएम के करीबी नेता पीते हैं शराब!, विजय सिन्हा बोले- विधायकों का ब्लड टेस्ट कराएं नीतीश

1st Bihar Published by: Updated Mon, 19 Dec 2022 10:48:16 AM IST

सीएम के करीबी नेता पीते हैं शराब!, विजय सिन्हा बोले- विधायकों का ब्लड टेस्ट कराएं नीतीश

- फ़ोटो

PATNA: बिहार में सड़क से लेकर सदन तक शराब को लेकर संग्राम मचा हुआ है। बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शराब की भेंट चढ़ चुका है। छपरा समेत राज्य के अन्य जिलों में हुई शराब से मौतों को लेकर विपक्षी दल बीजेपी सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं जाने देना चाह रही है। बीजेपी की मांग है कि शराब पीकर मरने वालों को सरकार मुवावजा दे लेकिन बिहार की सरकार मुआवजा तो दूर संवेदना तक प्रकट करने को तैयार नहीं है। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बड़ी मांग कर दी है। उन्होंने कहा है कि सरकार विधानसभा के गेट पर विधायकों का ब्लड टेस्ट कराए। ब्लड टेस्ट के बाद नीतीश कुमार को पता चल जाएगा कि उनके इर्द गिर्द रहने वाले कितने नेता शराबी हैं।


विजय सिन्हा ने कहा है कि शराब से हो रही मौतों के बीच सरकार का खतरनाक चेहरा सामने आ चुका है। बिहार की सरकार मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करने के बजाए कह रही है कि जो पिएगा वो मरेगा। मुख्यमंत्री के संवेदनहीन बयान को डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी दोहरा रहे हैं। तेजस्वी यादव जब कल तक नेता प्रतिपक्ष के रूप में न जाने क्या क्या कहते थे आज कुर्सी की लालच में सीएम के बयान को दोहरा रहे हैं। सत्ता के लिए लोग इतने संवेदनहीन हो भी सकते हैं क्या। सरकार पीड़ित परिवार को मुआवजा तक देने को तैयार नहीं है।


उन्होंने कहा कि जब गोपालगंज में शराब से हुई मौतों के लिए सरकार मुआवजा दे सकती है तो छपरा के लोगों के साथ अन्याय क्यों कर रही है। उत्पाद अधीनियम में शराब से मौत के लिए 4-4 लाख रुपए मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है तब भी सरकार पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने में आनाकानी कर रही है। सरकार कह रही है कि कानून का उल्लंघन करने वालों को मुआवजा नहीं दिया जाएगा लेकिन बड़ा सवाल है कि जब लोग सड़क पर हेलमेट लगाए चलते हैं और मौत के शिकार होते हैं तो सरकार क्यों मुआवजा देती है, हेलमेट नहीं लगाना भी तो कानून का उल्लंघन है।


विजय सिन्हा ने कहा कि जो लोग जहरीली शराब पीकर मौत के शिकार हुए उनके परिजनों ने तो कानून नहीं तोड़ा है, इसमें उनका क्या कसूर है।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अगर पीड़ितों के दर्द को नहीं समझते हैं तो बिहार की जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी। विजय सिन्हा ने कहा है कि सरकार जहरीली शराब से हुई मौतों का आंकड़ा छिपा रही है। जितने लोगों के मरने की बात सामने आ रही है हकीकत में आंकड़े उससे काफी अधिक है। प्रशासन के दबाव में अनेकों लोग के शव का अंतिम संस्कार करा दिया गया है। आनन-फानन में शवो को जलाकर सबूतों को मिटाने के पुलिस और प्रशासन द्वारा खेल खेला गया है।


नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि छपरा की घटना में कमजोर, दलित और गरीबों की बात कहने वाली सरकार का खौफनाक चेहरा उजागर हो गया है। उन्होंने कहा कि छपरा में हुई लोगों की मौत सरकार द्वारा पोषित नरसंहार है। शराबबंदी कानून में शराब पीने और बेचने वालों के खिलाफ ही नहीं बल्कि प्रशासन के लोगों पर भी दंड का प्रावधान है लेकिन सरकार दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है। जो शराब बनाता और उसे बेचवाता है उसे मुख्यमंत्री चुनाव लड़ने के लिए टिकट देते हैं और गरीब जब शराब पीते हैं तो उन्हें जेल भेज दिया जाता है। मुख्यमंत्री अपनी नीयत को साफ करें तभी नीति सफल होगी। उन्होंने सरकार से बड़ी मांग की है कि विधानसभा के गेट पर शराब पीनेवालों की जांच की व्यवस्था की जाए, जांच के बाद पोल खुल जाएगा कि सीएम के साथ रहने वाले कितने लोग शराब पीते हैं।