PATNA: बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने आज यानी 1 अप्रैल से राज्यभर के अतिथि शिक्षकों की सेवा को समाप्त कर दिया है। बेरोजगार हुए अतिथि शिक्षक सोमवार को सीएम आवास के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे थे, तभी पुलिस ने उनके ऊपर लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने अतिथि शिक्षकों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। शिक्षकों का कहना है कि पहले तो नौकरी ले ली और अब लाठी से पिटवाया जा रहा है।
दरअसल, बिहार में 31 मार्च 2024 तक कक्षा 9वीं और 10वीं के लिए 37847 और कक्षा 11वीं और 12वीं के लिए के छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए 56891 अतिथि शिक्षकों की सेवा सरकार द्वारा ली जा रही थी। बिहार में शिक्षक बहाली की प्रक्रिया संपन्न होने तक शिक्षा विभाग ने राज्यभर में कुल 94738 गेस्ट टीचर को मानदेय के आधार पर नियुक्त किया था।
शिक्षा विभाग ने राज्य में बड़ी संख्या में शिक्षकों की बहाली होने का हवाला देते हुए राज्यभर के स्कूलों में तैनात अतिथि शिक्षकों को हटा दिया है। शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को आदेश दिया कि 1 अप्रैल 2024 से किसी भी अतिथि शिक्षक की सेवा नहीं लें। ऐसे में 1 अप्रैल से ऐसे सभी अतिथि शिक्षकों को स्कूलों से हटा दिया गया है। गेस्ट टीचर अपनी मांगों को लेकर आज पटना पहुंचे और सीएम आवास के बाहर बीच सड़क पर धरना पर बैठ गए।
अतिथि शिक्षकों को पुलिस ने रोका लेकिन वे मानने को तैयार नहीं थे। प्रतिबंधित क्षेत्र में शिक्षकों के घुसने से मना करने के बावजूद जब वे नहीं माने तो पुलिस ने उनके ऊपर लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान पुलिस ने शिक्षकों को दौड़ा-दौड़ाकर जानवरों की तरह पीटा। थोड़ी देर के लिए पूरा इलाका रणक्षेत्र में तब्दील हो गया था। प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों ने कहा कि जब प्रदेश में शिक्षकों की कमी थी तो उन लोगों से सेवा ली गई और बिहार का शैक्षणिक स्तर सुधरा लेकिन उनकी सेवा स्थाई करने के बजाए एक झटके में उन्हें नौकरी से हटा दिया गया।