चुनाव लड़ने के बाद बीजेपी के बागियों ने लोजपा से झाड़ लिया पल्ला, बेचैन LJP ने राजेंद्र सिंह समेत 14 नेताओं को जारी किया नोटिस

चुनाव लड़ने के बाद बीजेपी के बागियों ने लोजपा से झाड़ लिया पल्ला, बेचैन LJP ने राजेंद्र सिंह समेत 14 नेताओं को जारी किया नोटिस

PATNA : विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी से बगावत कर लोक जनशक्ति पार्टी की झोपडी में घुसने वाले ज्यादातर नेताओं ने चुनाव के बाद पार्टी से पल्ला झाड लिया है. पिछले चुनाव में लोजपा के उम्मीदवार रहे राजेंद्र सिंह समेत दर्जनों नेता लोक जनशक्ति पार्टी की किसी बैठक का नोटिस नहीं ले रहे हैं. बेचैन लोजपा ने ऐसे नेताओं को नोटिस जारी कर पूछा है कि उनके खिलाफ क्यों न कार्रवाई की जाये.


लोजपा की नोटिस
लोक जनशक्ति पार्टी ने वैसे 14 नेताओं को नोटिस जारी किया है जो पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार तो थे लेकिन उसके बाद पार्टी के किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो रहे हैं.  लोजपा की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि ये नेता न सिर्फ पार्टी की बैठकों से गैरहाजिर रह रहे हैं बल्कि कोई सूचना भी नहीं दे रहे हैं. इससे पार्टी में भ्रम की स्थिति फैल रही है.


राजेंद्र सिंह समेत 14 को नोटिस
लोजपा ने अपने जिन प्रत्याशियों को नोटिस जारी किया है उसमें बीजेपी के दिग्गज नेता रहे राजेंद्र सिंह का नाम भी शामिल है. राजेंद्र सिंह ने पिछले चुनाव में लोजपा का दामन थाम कर दिनारा से चुनाव लडा था लेकिन जीत हासिल नहीं कर पाये. उनके अलावा अमरपुर से प्रत्याशी रहे बीजेपी के पूर्व नेता मृणाल शेखर, विभूतिपुर से प्रत्याशी रहे चंद्रबली ठाकुर, तेघड़ा से उम्मीदवार रहे ललन कुमार, केसरिया से उम्मीदवार रहे रामशरण प्रसाद यादव, कल्याणपुर के मोना प्रसाद सुन्देश्वर राम, कसबा के प्रदीप कुमार दास, बरारी के विभाष चंद्र चौधरी, रानीगंज के परमानंद ऋषिदेव, सिंघेश्वर के अमित कुमार भारती, परबत्ता के आदित्य कुमार शौर्य औऱ बेनीपुर से उम्मीदवार रहे विनोद झा शामिल हैं. दिलचस्प बात ये है कि लोजपा के सुप्रीमो चिराग पासवान के पैतृक घऱ अलौली से उम्मीदवार रहे रामचंद्र सदा भी पार्टी का कोई नोटिस नहीं ले रहे. लिहाजा उन्हें भी नोटिस जारी किया गया है.


ज्यादातर नेताओं ने पल्ला झाड़ा
दरअसल पिछले विधानसभा चुनाव में बड़ी संख्या में नेताओं ने लोजपा का दामन थामकर चुनाव लडा था. लेकिन वे सिर्फ चुनाव जीतने ही पार्टी में शामिल हुए थे. ऐसे सारे नेता चुनाव में हार गये. उन्हें पहले भी लोजपा से कोई मतलब नहीं था चुनाव के बाद भी कोई मतलब नहीं रहा. ऐसे में वे पार्टी की बैठक में क्यों जायें. लोजपा से विधानसभा चुनाव लड़ने वाले रामेश्वर चौरसिया ने तो चुनाव के बाद खुद ही लोजपा से इस्तीफा दे दिया था. रामेश्वर चौरसिया किसी दूसरी पार्टी में नहीं गये लेकिन लोजपा छोड़ दिया. 


जानकारों की मानें तो चुनाव के दौरान लोजपा का दामन थामने वाले ज्यादातर नेता इस बात का इंतजार है कि बीजेपी उन्हें कब वापस पार्टी में शामिल कराती है. फिलहाल बीजेपी ने लोजपा से चुनाव लड़ने वाले अपने नेताओं की पार्टी में वापसी पर रोक लगा रखा है. सूत्र बताते हैं कि बीजेपी नीतीश कुमार के दबाव में है. सियासी गलियारे में ये चर्चा आम रही है कि बीजेपी ने जानबूझकर नीतीश को हराने के लिए लोजपा को चुनाव मैदान में उतारा था. नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू की बैठक में उनके नेता खुलकर बीजेपी पर ऐसा आरोप लगा चुके हैं. 


लिहाजा अगर बीजेपी अपने बागी नेताओं को अभी अपनी पार्टी में वापस शामिल करती है तो इन आरोपों को बल मिलेगा. ऐसे में पार्टी ने तय कर रखा है कि चुनाव के दौरान बागी बनकर लोजपा में जाने वालों को वापस नहीं लिया जाये. तभी राजेंद्र सिंह जैसे नेताओं को भी पार्टी में शामिल नहीं कराया जा रहा है.