चुनाव बाद राज्यकर्मी बनेंगे सक्षमता परीक्षा पास नियोजित शिक्षक, जानिए क्यों करना पड़ेगा 4 महीने का इंतजार

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 14 Apr 2024 07:22:09 AM IST

चुनाव बाद राज्यकर्मी बनेंगे सक्षमता परीक्षा पास नियोजित शिक्षक, जानिए क्यों करना पड़ेगा 4 महीने का इंतजार

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PATNA : बिहार में सक्षमता परीक्षा पास करने वाले एक लाख, 87 हजार, 615 नियोजित शिक्षकों की काउंसलिंग अब लोकसभा चुनाव के बाद होगी। इसे लेकर शिक्षा विभाग की तरफ से आदेश जारी कर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि चुनाव के कारण लागू आदर्श चुनाव आचार संहिता के कारण आयोग ने नियोजित शिक्षकों की काउंसलिंग की अनुमति शिक्षा विभाग को नहीं दी है। इसी वजह से राज्यकर्मी बनने के लिए नियोजित शिक्षकों को अभी चार महीने और इंतजार करना पड़ेगा।


शिक्षा विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि लोकसभा चुनाव को लेकर लागू आदर्श चुनाव आचार संहिता के मद्देनजर सक्षमता परीक्षा में उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों की काउंसलिंग के लिए राज्य निर्वाचन कार्यालय को प्रस्ताव भेजकर अनुमति मांगी गई थी। लेकिन काउंसलिंग की अनुमति नहीं मिली। अब आदर्श चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद संबंधित शिक्षकों की काउंसलिंग की उम्मीद है। यह जून के बाद ही संभव है। क्योंकि एक जून को अंतिम चरण का मतदान होना है और चार जून को मतगणना होगी।


काउंसलिंग में नियोजित शिक्षकों के उन प्रमाण-पत्रों एवं कागजातों का सत्यापन होना है, जो उनके द्वारा सक्षमता परीक्षा के आनलाइन फार्म भरते वक्त दिए गए थे। काउंसलिंग की अनुमति नहीं मिलने के पहले तक इसे राज्य मुख्यालय में आयोजित करने की तैयारी की गई थी। सक्षमता परीक्षा में पहली से पांचवीं कक्षा के एक लाख, 39 हजार, 10 नियोजित शिक्षक उत्तीर्ण हुए हैं। कक्षा छह से आठ तक के 22 हजार, 941 शिक्षक, कक्षा नौवीं से दसवीं के 20 हजार, 354 शिक्षक और कक्षा ग्यारहवीं व बारहवीं कक्षा के 5 हजार, 313 शिक्षक उत्तीर्ण हुए हैं।


उधर, काउंसलिंग के बाद ये सभी शिक्षक विशिष्ट अध्यापक शिक्षक बनेंगे। इन शिक्षकों से सक्षमता परीक्षा का फार्म भरने के दौरान तीन जिलों के विकल्प लिये गए थे। इन शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा में प्राप्तांक और आरक्षण के आधार पर जिला आवंटित किए गए हैं। काउंसलिंग के बाद शिक्षकों को चयनित जिले में पदस्थापन के लिए विद्यालय आवंटित किया जाना है। आवंटित स्कूल में योगदान की तिथि से संबंधित शिक्षकों का पदनाम बदल कर विशिष्ट अध्यापक का हो जाएगा। इसके साथ ही योगदान की तिथि से ही उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा भी मिल जाएगा।