PATNA : कम्युनिटी हेल्थ अफसर (सीएचओ) की परीक्षा में फर्जीवाड़ा में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। हजारों फर्जी बहाली करा कर 100 करोड़ से अधिक की अवैध कमाई करने की साजिश परीक्षा माफियाओं ने एजेंसी वी-शाइन के साथ मिलकर रची थी। वी-शाइन को ही हेल्थ अफसर बहाली की ऑन परीक्षा कराने का जिम्मा दिया गया था।
दरअसल, इस मामले में गिरफ्तार सेंटर मालिक और आईटी मैनेजर ने पूछताक्ष के दौरान बताया है कि सीएचओ की परीक्षा विंडो(windows) ऑपरेटिंग सिस्टम पर कराई जा रही थी। जबकि अधिकतर ऑनलाइन परीक्षा नेटबूट(netboot)ऑपरेटिंग सिस्टम कर करवाई जाती है। पूछताक्ष के दौरान आईटी मैनेजर ने बताया कि नेटबूट(netboot)ऑपरेटिंग सिस्टम रहने पर कंप्यूटर में कोई अन्य सॉफ्टवेर नहीं रह सकता है।
लेकिन, विंडो से परीक्षा करवाने पर यह सुरक्षित नहीं होता है। इसके जरिये आसानी से सेटिंग वाले स्टूडेंट के कंप्यूटर को कहीं से भी एक्सेस किया जा सकता है। ऐसे में इनलोगों के डेस्क में आसानी से एनी डेस्क या एमी-एडमिन सॉफ्टवेयर इंस्टॉल हो गया। इसके बाद सॉल्वर आसानी से सभी सवालों का जबाब दे रहे थे।
उन्होंने बताया कि परीक्षा में धांधली करने के लिए परीक्षा माफियाओं ने वी - शाइन के अधिकारियों के साथ दो मीटिंग की थी पहली मीटिंग अगम कुमार थाना क्षेत्र के भागवत नगर स्थित आशीष रंजन और आदित्य कुमार के फ्लैट पर हुई। इसके बाद दूसरी मीटिंग सात दिनों में परीक्षा माफिया रवि भूषण के परीक्षा केंद्र अयोध्या इनफोसेल में की। अयोध्या ऑनलाइन एग्जामिनेशन सेंटर का मालिक रवि भूषण का रिश्तेदार है। आदित्य रवि भूषण का रिश्तेदार है और नालंदा के नगरनौसा का रहने वाला है।
सूत्रों की माने तो आते ही सॉल्वर को मैनेज कर रहा था आदित्य और आशीष रंजन के फ्लैट पर भी टीम ने छापेमारी की उसके फ्लैट से पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया इसके अलावा कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट, एटीएम कार्ड, एक दर्जन से अधिक पासबुक और ब्लैंक चेक भी बरामद हुए।
इधर इस मामले में एक और आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। इओयू की टीम माफिया रविभूषण, प्रतीक, आशुतोष रंजन, अतुल प्रभाकर,आदित्य कुमार, निखिल कुमार, रवि शंकर, हिमांशु सिंह, हैप्पी, अंकेश गौतम को तलाश रही है। इसके अलावा पुलिस को वी - शाइन कंपनी के स्थानीय अधिकारियों की भी तलाश है। पुलिस की टीम पटना नालंदा के साथ-साथ कई इलाकों में छापेमारी कर रही है।