Bihar News: बिहार में खनिज संपदा की खोज पर सरकार का फोकस, खान एवं भूतत्व विभाग की कार्यशाला में हुआ मंथन Bihar News: बिहार में खनिज संपदा की खोज पर सरकार का फोकस, खान एवं भूतत्व विभाग की कार्यशाला में हुआ मंथन Bihar News: बिहार के सभी DM पहले बात करें..हड़ताल तोड़ने को कहें, नहीं माने तो एक्शन लें, सरकार ने सभी समाहर्ताओं को दी छूट Bihar Dsp: पत्नी-बच्चों के नाम पर 'करोड़ों' की संपत्ति अर्जित करने के आरोपी DSP फंसे, पुलिस मुख्यालय की रिपोर्ट पर शुरू हुई कार्यवाही Buxar News: भारत प्लस ग्रुप ऑफ इंडस्ट्री के दो नए उद्योगों का भूमि पूजन, अजय सिंह बोले- लोगों को रोजगार देना पहली प्राथमिकता Samastipur News: ‘दुष्कर्म के आरोपियों को बचा रही बिहार पुलिस’ VIP नेता देव ज्योति का बड़ा आरोप Samastipur News: ‘दुष्कर्म के आरोपियों को बचा रही बिहार पुलिस’ VIP नेता देव ज्योति का बड़ा आरोप Bihar Police Constable Result: बिहार कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी, 21 हजार से अधिक पदों पर होगी भर्ती; चयनित अभ्यर्थियों में 8 ट्रांसजेंडर भी शामिल India's favourite snack: समोसा कैसे बन गया भारतीय खानपान का अहम हिस्सा, क्या आप जानते हैं भारत में कहां से आया? India's favourite snack: समोसा कैसे बन गया भारतीय खानपान का अहम हिस्सा, क्या आप जानते हैं भारत में कहां से आया?
1st Bihar Published by: Updated Tue, 15 Jun 2021 02:11:39 PM IST
- फ़ोटो
DELHI : बिहार की सियासत में चट्टानी एकता की मिसाल रखने वाले पासवान परिवार को इन दिनों अपने सबसे बुरे दिन देखने पड़ रहे हैं. पार्टी से लेकर परिवार तक में फूट पड़ चुकी है. चाचा पशुपति पारस में भतीजे चिराग को ना केवल संसदीय दल के नेता पद से हटा दिया बल्कि अब पार्टी पर कब्जे की लड़ाई तेज हो गई है. जिस पशुपति पारस के लिए कभी रामविलास पासवान की बात अंतिम लकीर हुआ करती थी, वह आज चिराग को फूटी आंख नहीं देखना चाहते. शायद यही वजह है कि चिराग सोमवार को जब उनके घर पहुंचे तो पहले मेन गेट गाड़ी की एंट्री के लिए नहीं खुला. काफी देर के बाद चिराग जब कैंपस के अंदर पहुंचे तो घर का दरवाजा उनके लिए नहीं खोला गया. फर्स्ट बिहार के पास बंद दरवाजे के सामने खड़े चिराग की वह तस्वीर है. तकरीबन आधे घंटे तक चिराग दरवाजा बजाते रहे. वहीं सामने खड़े होकर इंतजार करते रहे कि शायद उनके लिए दरवाजा खुल जाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि क्या अगर रामविलास पासवान जीवित होते तो चिराग के साथ पार्टी और परिवार में यह सब कुछ कर पाना संभव था. ऐसा नहीं है कि रामविलास पासवान के निधन के बाद चिराग में पार्टी की कमान संभाली. रामविलास पासवान ने अपने जीवनकाल में ही चिराग को पार्टी का नेतृत्व सौंप दिया था. बात जब बिहार विधानसभा चुनाव में गठबंधन किया है तब भी पासवान ने सीधे तौर पर कहा था कि वह सरकार का काम देख रहे हैं.
पार्टी तो चिराग चलाते हैं. रामविलास पासवान के रहते पशुपति पारस कभी चिराग के ऊपर ना तो उंगली उठा पाए और ना ही कभी उनके फैसले की मुखालफत करने का साहस जुटाया. लेकिन अब वक्त बदल चुका है. रामविलास पासवान इस दुनिया में नहीं हैं और राजनीति का मिजाज यही कहता है कि चिराग के फैसलों से अलग जाकर पारस परिवार की चिंता किए बगैर पार्टी पर अपना कब्जा चाहते हैं.
गौरतलब हो कि बीते दिन अपनी पार्टी के साथ साथ घर में फूट की खबर मिलने के बाद चिराग पासवान अपने हाथों में इंजेक्शन का आईवी कैडूला लगे रहने के बाद खुद गाड़ी चलाकर चाचा के घर पहुंचे थे. बीमार भतीजा पहले आधे घंटे तक घर के बाहर खड़ा रहा फिर घर का दरवाजा खुला तो एक घंटे तक अंदर बैठा इंतजार करता रहा. लेकिन चाचा पशुपति पारस का दिल नहीं पसीजा. पारस की कौन कहे उनके परिवार के दूसरे लोग भी चिराग पासवान से बात करने को तैयार नहीं हुए.
दरअसल पिछले एक महीने से चिराग पासवान बीमार हैं. करीब एक महीने पहले उन्हें बुखार आया. कोरोना की जांच में तो निगेटिव पाये गये गये लेकिन बाद में पता चला कि वे टायफायड से पीडित हैं. काफी दिनों तक बुखार से पीडित रहने के कारण शरीर काफी कमजोर हो गया है. लिहाजा अभी भी उन्हें सुबह शाम दवाई दी जा रही है. हाथ में लगे आईवी कैडूला के सहारे ही उन्हें स्लाइन औऱ दवा चढ़ायी जाती है.
सोमवार को जब पशुपति पारस ने खुद प्रेस के सामने आकर ये एलान कर दिया कि उन्होंने पार्टी में तख्ता पलट कर दिया है तो अपनी मां औऱ बहन के मना करने के बावजूद चिराग पासवान घर से निकले. हाथ में आईवी कैडूला लगा था लेकिन उसी हाथ से ही गाड़ी चलाते हुए वे अपने चाचा के घर पहुंचे. उनके साथ गाड़ी में बिहार प्रदेश लोजपा के कार्यकारी अध्यक्ष राजू तिवारी भी मौजूद थे. राजू तिवारी ने बताया कि सिर्फ गाड़ी चलाने में ही नहीं बल्कि चिराग पासवान को बैठे रहने में भी परेशानी हो रही थी.
कल पूरे दिन पशुपति पारस के घऱ के बाहर मीडिया की भारी भीड़ जमा थी. उसी दौरान चिराग पासवान की गाड़ी पशुपति पारस के घर के बाहर पहुंची. तकरीबन 15 मिनट तक चिराग पासवान मेन गेट के बाहर गाड़ी में बैठे इंतजार करते रहे. उनकी गाड़ी का हार्न बजता रहा लेकिन गेट नहीं खुल रहा था. काफी देर बाद बाहर का मेन गेट खुला औऱ चिराग पासवान की गाड़ी कैंपस के अंदर गयी. लेकिन कैंपस के अदंर गाडी तो चली गयी पर घर का दरवाजा बंद ही रहा. चिराग पासवान फिर पारस के कैंपस में लगभग 20 मिनट तक गाड़ी में बैठे रहे. चाचा के घर का दरवाजा नहीं खुल रहा था औऱ ना ही घर के अंदर से कोई बाहर झांक तक रहा था. इस बीच चिराग के साथ आय़े राजू तिवारी ने कई दफे जाकर गेट खटखटाया पर कोई गेट खोलने नहीं आय़ा.
20 मिनट बाद पारस के घऱ के एक कर्मचारी ने आकर घऱ का दरवाजा खुलवाया. तब चिराग पासवान गाड़ी से उतरे औऱ चाचा के घर के अंदर गये. यानि लगभग 35 मिनट तक चिराग पासवान अपने चाचा के घर के बाहर इंतजार करते रहे. चारो ओऱ मीडिया की टीम भरी पड़ी थी औऱ उस बीच चिराग पासवान गाडी में बैठे इंतजार करते रहे. आखिर वे जब चाचा के घऱ के अंदर जाने को उतरे तो मीडिया की टीम ने उन्हें घेरा लेकिन चिराग कुछ बोलने को तैयार नहीं हुए.
पासवान परिवार के सूत्र बता रहे हैं कि पशुपति पारस के घर के अंदर भी परिवार का कोई सदस्य चिराग पासवान से बात करने तय नहीं आया. वे राजू तिवारी के साथ ही ड्राइंग रूम में बैठे रहे. तकरीबन एक घंटे तक घर के अंदर बैठे रहने के बाद जब चिराग पासवान की तबीयत बिगड़ने लगी तो वे वहां से उठे. फिर खुद गाड़ी चलाते हुए वापस 12 जनपथ लौटे.