चिराग पासवान ने पीएम मोदी का जताया आभार, कहा - पापा का सपना हुआ पूरा, अब कोई गरीब नहीं सोएगा भूखा

चिराग पासवान ने पीएम मोदी का जताया आभार, कहा - पापा का सपना हुआ पूरा, अब कोई गरीब नहीं सोएगा भूखा

PATNA : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने गरीबों के हित में बड़ा फैसला लिया है।  सरकार ने यह निर्णय लिया है कि,अब दिसंबर 2023 तक गरीब परिवारों को मुफ्त राशन उपलब्ध करवाया जाएगा। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस फैसले पर मुहर भी लग चुकी है। जिसके बाद अब लोजपा (आर) के प्रमुख चिराग पासवान ने केंद्र की मोदी सरकार को इस फैसले को लेकर धन्यवाद दिया है।  इसके साथ ही उन्होंने इस निर्णय को अपने पिता रामविलास पासवान के सपनों से जोड़कर सोशल मीडिया पर मोदी सरकार की तारीफ़ की है। 


चिराग पासवान ने पीएम मोदी का आभार जताते हुए कहा है कि, लोजपा के संस्थापक पद्म भूषण स्व. रामविलास पासवान जी ने तत्कालीन उपभोक्ता मामले,खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रहते हुए यह संकल्प लिया था की कोई भी व्यक्ति भूखा ना सोए । वे अंतिम सांस तक गरीबों के लिए चिंतित रहे। कोरोना काल में स्व.रामविलास पासवान जी ने "राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम" के तहत देश के 81 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को मुफ्त अनाज देनें का निर्णय लिया था। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने मुफ्त राशन की अवधि को बढ़ा कर दिसंबर 2023 तक की स्वीकृति दे दी गई है। इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए मैं प्रधानमंत्री का हृदय से आभार प्रकट करता हूं।‘ 


बता दें कि, बीते कल कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने यह बताया था कि,नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत देश के करीब 80 करोड़ लोगों को अब मुफ्त अनाज मिलेगा। लोगों को दिसंबर 2023 तक अनाज लेने के लिए एक रुपये का भी भुगतान नहीं करना पड़ेगा। सरकार इस पर सालाना करीब दो लाख करोड़ रुपये का खर्च करेगी। 


गौरतलब हो कि, नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत, सरकार मौजूदा समय में हर महीने प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम अनाज 2 से 3 प्रति किलो की कीमत पर देती है। अंत्योदय अन्न योजना के तहत कवर होने वाले परिवारों को हर महीने 35 किलोग्राम अनाज मिलता है। इसकी शुरुआत पूर्व दिवंगत केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के कार्यकाल में ही हुआ था। जिसके बाद चिराग पासवान ने मोदी मंत्रिमंडल के फैसले पर ख़ुशी जताई है। वर्तमान में इस योजना तहत 81.35 करोड़ लाभार्थियों को हर महीने प्रति व्यक्ति पांच किलो अनाज मुफ्त मिलता है, जो नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत मिलने वाले अनाज से अलग होता है।