चिराग पासवान को मिली Z श्रेणी की सुरक्षा, IB के रिपोर्ट के बाद हुआ फैसला

चिराग पासवान को मिली Z श्रेणी की सुरक्षा, IB के रिपोर्ट के बाद हुआ फैसला

PATNA : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जमुई सांसद चिराग पासवान को लेकर बड़ा निर्णय लिया है।  मंत्रालय ने यह फैसला किया है कि  लोजपा (रामविलास ) नेता को जेड श्रेणी की सुरक्षा मुहैया करवाएगी। चिराग की सुरक्षा में कुल 33 सुरक्षागार्ड तैनात होंगे। IB की थ्रेट परसेप्शन रिपोर्ट के आधार पर पासवान को ये सुरक्षा दी गई है। 


बता दें कि, एलजेपी के पासवान गुट ने आईबी की रिपोर्ट के हवाला देते हुए गृह मंत्रालय से चिराग पासवान की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की थी। जिसके बाद अब चिराग पासवान की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इससे पहले आईबी की रिपोर्ट में चिराग को बिहार में जान का खतरा बताया गया था, इसलिए चिराग को बिहार में जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। 


जानकारी हो कि, चिराग की सुरक्षा में कुल 33 सुरक्षागार्ड तैनात होंगे। इनके साथ ही 10 आर्म्ड स्टैटिक गार्ड वीआईपी के घर पर रहेंगे। इसके अलावा 6 राउंड द क्लॉक पीएसओ, तीन शिफ्ट में आर्म्ड स्कॉर्ट के 12 कमांडो, वाचर्स शिफ्ट में 2 कमांडो और 3 ट्रेंड ड्राइवर राउंड द क्लॉक मौजूद रहेंगे। चिराग पासवान को Z कैटेगरी की सुरक्षा केन्द्र सरकार ने दी है। 


इधर, चिराग को जेड श्रेणी की सुरक्षा मिलने के बाद इसके राजनीतिक मायने भी निकलने शुरू हो गए हैं।  राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा शुरू हो गयी है कि, चिराग जल्द ही मोदी कैबिनेट में मिनिस्टर बनने वाले हैं, इसलिए इनको यह सुरक्षा मुहैया की गई है।इसके साथ ही चिराग के कुछ महीने पहले केंद्रीय गृह मंत्री से मुलकात को भी इससे जोड़ कर देखा जा रहा है। ऐसा कहा जा रहा है की चिराग पासवान अभी जिस तरह से बिहार में काम कर रहे हैं उससे बीजेपी को अधिक फायदा हो रहा है, इसी कारण उनको भाजपा अब मोदी कैबिनेट में जगह देने जा रही है। 


गौरतलब हो कि, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) सुप्रीमो 'चिराग' दलितों और महादलितों को एकजुट कर नीतीश के खिलाफ गोलबंदी कर रहे हैं। इसके लिए भी चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इलाके नालंदा को पार्टी का बेस बनाने के लिए चुना है। चिराग पासवान अपने कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण शिविर लगा चुके हैं। लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर चिराग पासवान की सक्रियता के पीछे सियासत के जानकार बी