चिराग पासवान का बड़ा इंटरव्यू-पार्ट 2: लोक जनशक्ति पार्टी नीतीश सरकार का हिस्सा नहीं है, कोरोना में बिहार सरकार फेल हो गयी है

चिराग पासवान का बड़ा इंटरव्यू-पार्ट 2: लोक जनशक्ति पार्टी नीतीश सरकार का हिस्सा नहीं है, कोरोना में बिहार सरकार फेल हो गयी है

DESK : अपने बड़े इंटरव्यू में चिराग पासवान ने बिहार सरकार को लेकर अपनी तल्ख राय रखी है. उन्होंने कहा कि लोग ये समझते हैं कि लोक जनशक्ति पार्टी बिहार सरकार का हिस्सा है. लेकिन हम साफ कर देना चाहते हैं कि हमारी पार्टी बिहार सरकार का हिस्सा नहीं है. चिराग ने कहा कि कोरोना संकट समेत दूसरे कई अहम मामलों में नीतीश सरकार फेल हो गयी है.


हम सरकार के हिस्सा नहीं

चिराग पासवान ने कहा कि अपनी बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट यात्रा के दौरान उन्होंने पूरे राज्य का दौरा किया. उस यात्रा के दौरान लोगों से मिले फीडबैक पर अपनी बात रखी तो ये कहा गया कि वे अपनी ही सरकार के खिलाफ बात कर रहे हैं. चिराग ने कहा

“बिहार में मेरी कोई सरकार नहीं है. ये मैं बहुत साफ तरीके से कह देना चाहता हूं. लोक जनशक्ति पार्टी बिहार सरकार का हिस्सा नहीं है. एक समय में लोक जनशक्ति पार्टी के एक मंत्री सरकार में शामिल थे. तब एलजेपी कैबिनेट मीटिंग में अपनी बात रखती थी. अब हमारा कोई प्रतिनिधि बिहार सरकार में शामिल नहीं है. हम नीतीश सरकार का समर्थन कर रहे हैं क्योंकि हमारा बीजेपी से तालमेल है.”

नीतीश ने संपर्क के सारे दरवाजे बंद कर दिये

चिराग पासवान ने कहा कि नीतीश कुमार ने संपर्क के सारे दरवाजे बंद कर दिये. मेरे फोन कॉल का जवाब नहीं दिया जाता. मैं मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखता हूं तो उसका कोई नोटिस नहीं लिया जाता. मैं जनता की बात कहता हूं और उसे इग्नोर कर दिया जाये तो फिर मुश्किल होगी ही. 


दस महीने तक मुख्यमंत्री ने कोई बात नहीं की


चिराग पासवान ने कहा कि पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में उन्होंने बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट यात्रा शुरू की थी. उसके बाद से उनकी कोई बातचीत नीतीश कुमार से नहीं हुई. दस महीने बाद पिछले सप्ताह सुशांत सिंह राजपूत को लेकर उनकी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से दस मिनट की बातचीत हुई. लेकिन ये बातचीत सिर्फ और सिर्फ सुशांत सिंह राजपूत को लेकर हुई. किसी दूसरे मुद्दे पर कोई बात नहीं हुई. 


नीतीश सरकार के कामकाज पर तीखा हमला

चिराग पासवान ने कहा कि नीतीश सरकार के कामकाज को वे संतोषप्रद कतई नहीं कह सकते. सरकार ज्यादा बेहतर काम कर सकती थी. 15 साल पहले जब नीतीश कुमार ने शपथ लिया था तो क्या कहा था. उन्होंने कहा था कि उनका सपना है कि चार महीने में बिहार के सारे प्रवासी मजदूर वापस घर लौट जायें. 15 साल बाद क्या हुआ है. ये बताने की जरूरत नहीं है. 

बिहार सरकार ने लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया

चिराग पासवान बोले-कोरोना को लेकर क्या हो रहा है. कितने टेस्ट किये जा रहे हैं. हर सरकारी कोविड सेंटर से खौफनाक रिपोर्ट सामने आ रहे हैं. कोई एक ऐसा दिन नहीं है जब सरकारी अस्पतालों की बदहाली की कहानी सामने नहीं आये. उससे पहले बिहार के प्रवासी मजदूरों के साथ क्या हुआ. मैं कोरोना संकट शुरू के होने के समय से ही कहता आ रहा हूं कि उन्हें सुरक्षित वापस लाने का इंतजाम करना चाहिये. वे हमारे राज्य के लोग हैं. हम उन्हें रोड पर मरने देने के लिए नहीं छोड़ दे सकते. लेकिन हमारे मुख्यमंत्री लगातार कहते रहे कि वे लॉकडाउन के कारण मजदूरों को नहीं ला रहे हैं. ठीक उसी वक्त उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने राज्य के लोगों को बस भेजकर वापस बुला रहे थे. हमारे मुख्यमंत्री ने बिहार के लोगों को सड़क पर मरने के लिए क्यों छोड़ दिया. 

बाढ से निपटने में सरकार फेल

चिराग पासवान ने कहा कि बाढ़ को लेकर एक जैसी तस्वीर हम हर साल देखते हैं. बिहार के मौजूदा मुख्यमंत्री को 15 सालों का अनुभव है और वे इस तस्वीर को 15 सालों से देख रहे हैं. क्या बदला है?  मैं बार-बार पत्र लिखता रहा कि हमें नदियों को जोड़ने पर काम करना चाहिये. लेकिन क्या हुआ? मैं भविष्यवाणी कर सकता हूं कि अगले साल भी बरसात के मौसम में बिहार में बाढ का यही नजारा देखने को मिलेगा.